देवघर:
श्रावणी मेला 2018 काफी फलदायी है. इस माह में भक्त को हर मनोवांछित फल मिलेगा।साथ ही देश का कल्याण होगा। श्रावणी मेला 2018 की कब से होगी शुरुआत। क्या-क्या है मान्यताएं। कैसे करे भक्त पूजा। कैसे मिलेगी मनोवांक्षित फल. आईये जानते हैं तीर्थ पुरोहित की जुबानी।
शिव का मास है श्रावणी मास:
देवघर के तीर्थ पुरोहित महासभा के उपाध्यक्ष दुर्लभ मिश्र बताते है कि इस वर्ष श्रावणी मेला काफी फलदायी है. और श्रावण मास तो शुभ होता ही है. ये मास भी शुभ है और यह शिव का मास है. शिव का मास रहने के कारण समस्त ब्रह्मांड में सुखमय जीवन हो, भगवान शंकर आशीर्वाद देते है.
इस बार सुख, समृद्धि, वैभव लेकर आएगा श्रावण:
श्रावण मास दो महीनों का होता है एक सूर्य मास दूसरा चंद्र मास- अगर चंद्रमा की गति आगे रहती है तो सूर्य मास जो होता है वह पीछे हो जाता है, उस समय सूर्य की गति पीछे होने के चलते स्तिथि थोड़ा कम होती है और इस श्रावण मास में सूर्य आगे है पहले सूर्य मास का सावन आया फिर चंद्र मास तो इसी लिए इस बार सुख समृद्धि वैभव लेकर श्रावण आएगा।
इस बार होगी चार सोमवारी:
वही इन्होंने बताया कि संक्रांति के हिसाब से चार सोमवारी होगी और श्रावण का भी चार सोमवारी होगा। ये श्रवण मास की चार सोमवारी विशिष्ठता में आएगी जो कि द्वितीय, तृतीय,दसमी, और नवमी में पड़ेगी और सब का सब में चंद्रमास पीछे है इस लिए यह श्रावण मास लाभकारी होगा।
देश करेगा प्रगति:
इस श्रावण पूर्णिमा के दिन चंद्रग्रहण लगा है तो चंद्रग्रहण आषाढ़ पूर्णिमा को लगने के चलते ओर सावन प्रतिपदा में मोक्ष होगा। जब ग्रहण लग जाता है तो ऐसी परिस्थिति में चंद्रमा की गति बहुत ही धीमी गति में हो जाती है क्योंकि राहु की जो है सृष्टि होती है और राहु काल जो है चंद्रमा पर पड़ जाता है. लेकिन इस बार जो है सूर्य आगे होने के चलते आमजन सुखमय में रहेगा और तेजी की गति से उसका ऊर्जा प्रत्येक मनुष्य का बढ़ेगा। इस लिए देश प्रगति करेगा।
18 जुलाई से ही श्रावण की शुरुआत:
हालांकि श्रावण पिछले 18 जुलाई से ही प्रारंभ हो चुकी है जो सूर्य मास के हिसाब से है और इस श्रावण को आसाम,भूटान,नेपाल,बंगाल, पंजाब के राज्यो के लोग मानते है. जबकि हिंदी श्रावण 28 जुलाई से प्रारंभ होगी।
ऐसे करें पूजा:
वही इन्होंने कहा कि श्रावण मास में अपने अपने इलाके के प्रसिद्ध शिवालयों में भगवान शंकर को पंचोंप्रहर पूजा जरूर करे.. जहाँ दूध,दही,घी,मधु, शक्कर से पूजा करे और भगवान शंकर का पंचामृत से स्नान करने से श्रद्धालु निरोग रहेंगे, दिर्घायु रहेंगे और स्वस्थ रहेंगे। धन और वैभव से परिपूर्ण रहेंगे।