Deoghar: बिहार के गया जिले के दशरथ मांझी जिन्होंने पत्नी के प्रेम में पहाड़ का सीना चीर कर रास्ते का निर्माण कर दिया था। उनके एकला चलो के दृढ़ संकल्प की वजह से देश-दुनिया में उनका नाम अमर हो गया। लेकिन, बिहार का ही हिस्सा रहे झारखंड के देवघर जिले में भी दशरथ मांझी की तरह एकला चलो के संकल्प को सार्थक कर रहे हैं समीर अंसारी। जिन्हें अब जल प्रहरी सम्मान से सम्मानित किया जायेगा।
दरअसल, देवघर के समीर अंसारी 5 सालों से अकेले एक बांध और तालाब का निर्माण कर रहे हैं वह भी सिर्फ इसलिए कि लोगों को पेयजल मिल सके। समीर अंसारी को स्थानीय लोग देवघर का दशरथ मांझी भी कहते हैं। जल संरक्षण के लिए लगातार काम कर रहे देवघर के समीर अंसारी को 30 मार्च को दिल्ली में हो रहे जल प्रहरी सम्मान समारोह 2022 में सम्मानित किया जाएगा। जिसके लिए उन्हें दिल्ली आमंत्रित किया गया है।
देवघर नगर निगम क्षेत्र के गुली पाथर के रहने वाले समीर अंसारी जल संरक्षित करने के लिए देवघर के डढ़वा नदी में खुद से एक बांध का भी निर्माण कर रहे हैं। जिसमे दिन रात खुद से ही खुदाई भी कर रहे। देवघर की लाइफ लाइन मानी जाने वाली डढ़वा नदी के किनारे एक बंजर भूमि को पिछले 5 सालों से एक कुदाल के सहारे मिट्टी काटकर बांध का निर्माण कर रहे हैं। इस कार्य को देखकर लोग इनका मजाक भी खूब उड़ाते थे। लेकिन आज यह बांध काफी हद तक बन गया है और तालाब की खुदाई जारी है।
अब उन्हें देवघर का दशरथ मांझी भी कहा जाने लगा है। इस सम्मान से समीर अंसारी बेहद खुश हैं।उन्होंने कहा कि अगर मेहनत को इस तरह से सम्मान मिलता रहे तो आगे और कड़ी मेहनत करने का हौसला मिलता है। उन्होंने कहा कि वह आगे भी जल संरक्षण के लिए कड़ी मेहनत करते रहेंगे।
समीर कहते हैं कि कल पानी नहीं होगा तो हम अपनी पीढ़ियों को क्या जवाब देंगे ऐसे में लोगों की परवाह न करते हुए दिन रात तालाब की खुदाई है और बांध का निर्माण करते रहेंगे।