रांची।
अब राज्य के 24 जिलों में से देवघर चौथा जिला होगा जहां एसएसपी का पद सृजित किया जा रहा है। रांची, जमशेदपुर और धनबाद के बाद अब देवघर में एसएसपी का पद होगा। साथ ही सिटी एसपी और ग्रामीण एसपी का पद भी सृजित किया जाएगा।
देवघर SSP, सिटी एसपी और ग्रामीण एसपी के पद सृजन को लेकर डीजीपी की स्वीकृति मिलते ही प्रस्ताव राज्य सरकार को भेजा जा चुका है। मुख्यमंत्री की स्वीकृति मिलते ही देवघर में एसएसपी के पद पर नियुक्ति कर दी जाएगी। प्रस्ताव में कहा गया है कि देवघर में एम्स, एयरपोर्ट, ओएनजीसी, रेलवे और अन्य महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों का निर्माण कार्य काफी तेज गति से हो रहा है। इस वर्ष इन प्रतिष्ठानों का पूर्ण रूप से संचालन होना संभावित है। साथ ही बाबा बैद्यनाथ धाम की वजह से शहरी और ग्रामीण जनसंख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। बाबा बैद्यनाथ मंदिर में जलाभिषेक और दर्शन के लिए आने वाले लोगों, अति विशिष्ट और विशिष्ट लोगों के बाबा मंदिर में लगातार आने की वजह से पुलिस की ड्यूटी में अत्यधिक व्यस्तता आ गई है। इससे कांडों का अनुसंधान के साथ ही अपराध नियंत्रण में शिथिलता होने की संभावना बनी रहती है। देवघर जिले में कार्य की अधिकता की वजह से एक पुलिस अधीक्षक के द्वारा सभी कार्यों को तर्कसंगत नियमानुकूल और न्याय उचित तरीके से संपादित करने में कठिनाई हो रही है। इसलिए देवघर जिला में शहर के विस्तारीकरण से उत्पन्न विधि व्यवस्था और अपराध पर बेहतर नियंत्रण के लिए पुलिस अधीक्षक देवघर के पद को अपग्रेड कर वरीय पुलिस अधीक्षक यानी एसएसपी का करने का प्रस्ताव दिया जा रहा है।
सिटी व ग्रामीण SP के अधीन रहेगा ये क्षेत्र
आपको बता दें कि सिटी एसपी के अधीन नगर थाना, कुंडा थाना, महिला नगर थाना, जसीडीह थाना, मोहनपुर थाना, सारवां थाना, देवीपुर थाना, सोनारायठारी थाना, बाबा मंदिर, साइबर थाना, रिखिया थाना, बैजनाथधाम आरक्षी चौकी, यातायात थाना, एसटी-एससी कुंडा थाना होंगे।
जबकि ग्रामीण एसपी के अधीन मधुपुर थाना, महिला थाना मधुपुर, मार्गोमुंडा थाना, करौं थाना, बुढेई थाना, पथरोल, पलाजोरी, खागा, सारठ, चितरा थाना, पथरअड्डा ओपी और अंधरीकादर पिकेट रहेगा।
संवेदनशील है देवघर जिला
वहीं, भौगोलिक दृष्टिकोण से अगर देखा जाए तो देवघर जिला बिहार के दो सीमावर्ती जिलों जमुई और बांका से घिरा हुआ है। जमुई और बांका जिले उग्रवाद ग्रस्त हैं। इसके अलावा इसके सीमावर्ती जिला झारखण्ड का गिरिडीह भी उग्रवाद और साइबर अपराध से ग्रस्त है। सांस्कृतिक दृष्टिकोण से बाबा बैद्यनाथ धाम मंदिर विश्व प्रसिद्ध तीर्थ स्थल है। जहां हर साल राजकीय श्रावण और भादो मेला लगता है। जिसमें हर रोज लाखों की संख्या में श्रद्धालु जलाभिषेक के लिए बाबा बैद्यनाथ मंदिर पहुंचते हैं। राजनीतिक दृष्टिकोण से भी देवघर एक संवेदनशील जिला है। देवघर जिले का पूरा क्षेत्र गोड्डा संसदीय क्षेत्र में आता है। इन सभी दृष्टिकोण को देखते हुए यहां सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम होने जरूरी हैं। ऐसे में बाबा नगरी की कमान अब एसएसपी के हाथों में दिए जाने का प्रस्ताव लिया गया है।
देवघर में सिटी एसपी और ग्रामीण एसपी व एसएसपी का पद सृजित होने से राज्य में आईपीएस कैडर के दो पद बढ़ जाएंगे। आईपीएस का स्ट्रेंथ यूपीएससी की अनुमति के बाद ही बढ़ता है। इसकी समीक्षा हर 5 साल में होती है। अगली समीक्षा में यह दोनों पद बढ़ जाएंगे।