Ranchi: धनबाद के जज उत्तम आनंद (Judge Uttam Anand) की हत्या मामले की सुनवाई गुरुवार को झारखंड हाईकोर्ट (Jharkhand High Court) में हुई। इस दौरान CBI के जॉइंट डायरेक्टर ने अपना पक्ष रखते हुए कहा, ‘CBI हर एंगल पर जांच कर रही है। अभी जांच जारी है और किसी भी एंगल को नहीं छोड़ा जाएगा।’
झारखंड हाईकोर्ट ने धनबाद के जज उत्तम आनंद मौत मामले में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सुनवाई के दौरान आज गुरुवार को सीबीआई की प्रगति रिपोर्ट देखी। अब तक की जांच में कुछ नया खुलासा नहीं होने पर खंडपीठ ने सुनवाई के दौरान वर्चुअल उपस्थित सीबीआई के ज्वाइंट डायरेक्टर से जांच के बारे में जानकारी मांगी। कोर्ट ने मौखिक रूप से कहा कि पहली बार ऐसी घटना हुई है जिसमें एक जज की हत्या कर दी गई है। यह चिंता की बात है। सीबीआई के ज्वाइंट डायरेक्टर ने खंडपीठ को बताया कि ऑटो ड्राइवर द्वारा जज को जानबूझकर टक्कर मारी गयी है. सीबीआई जल्द साजिश करने वालों तक पहुंचेगी।
झारखंड हाईकोर्ट ने कहा कि जज उत्तम आनंद के साथ हुई इस घटना का प्रभाव न्यायिक अधिकारियों पर पड़ा है। न्यायिक अधिकारियों के मोरल पर इसका असर हुआ है। इसलिए यह अदालत इस मामले के निष्कर्ष तक जल्द पहुंचना चाहती है। यह राज्य की न्याय व्यवस्था के लिए बहुत जरूरी हो गया है। जांच निष्पक्ष व प्रोफेशनल तरीके से की जाए। चीफ जस्टिस डॉ रवि रंजन व जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद की खंडपीठ में मामले की सुनवाई हुई।
चीफ जस्टिस डॉ रवि रंजन व जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद की खंडपीठ ने कहा कि ऑटो ड्राइवर बिना कोई उद्देश्य के जज उत्तम आनंद को क्यों टक्कर मारेगा। जज से उसका क्या संबंध है। जरूर इस मामले में षडयंत्रकारी होगा, उस तक सीबीआई नहीं पहुंच पाई है। षडयंत्रकारी को खोज कर उसे सामने लाना सीबीआई का काम है। वहीं सीबीआई के ज्वाइंट डायरेक्टर ने खंडपीठ को बताया कि सीबीआई की टीम कड़ी मेहनत कर रही है। टीम में 20 सदस्य शामिल हैं जो प्रोफेशनल तरीके से जांच को आगे बढ़ा रहे हैं।
CBI के जॉइंट डायरेक्टर ने कहा, ‘पकड़े गए दो आरोपियों में से एक प्रोफेशनल मोबाइल चोर है। वह जांच एजेंसी को हर बार नई कहानी बताकर गुमराह करने की कोशिश कर रहा है, लेकिन CBI के 20 ऑफिसर उससे कड़ाई से पूछताछ कर रहे हैं। अब बिल्कुल साफ हो गया है कि जज को जानबूझकर टक्कर मारी गई थी। इसकी साजिश करने वालों तक जल्द CBI पहुंच जाएगी।’
बता दें 16 सितंबर को हुई पिछली सुनवाई के दौरान कोर्ट ने CBI जांच पर नाराजगी जताई थी। कोर्ट ने CBI के जोनल डायरेक्टर को कोर्ट में हाजिर होने का निर्देश दिया था। मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा था, ‘CBI हर सप्ताह प्रगति रिपोर्ट दे रही है, लेकिन उसमें कुछ भी नया नहीं है।’ इस मामले में लखन वर्मा और राहुल वर्मा को पुलिस ने 29 जुलाई को गिरफ्तार किया था।
16 सितंबर को अदालत ने कहा था, ‘परिस्थितियां बयां कर रही हैं कि दिनदहाड़े एक न्यायिक अधिकारी की हत्या की गई है। हमें रिजल्ट चाहिए, सिर्फ रिपोर्ट से काम नहीं चलेगा। CBI अभी भी सिर्फ दो लोगों से आगे नहीं बढ़ सकी है। ऑटो चालक ने धक्का मारकर जज की हत्या क्यों की? यह मिस्ट्री अभी तक हल क्यों नहीं हो सकी है?’
कोर्ट ने कहा था, ‘यह पहला मामला है जिसमें हत्या के लिए ऑटो को हथियार के रूप में प्रयोग किया गया है, ताकि जांच एजेंसियां उलझ जाएं। CCTV फुटेज देखने से यह स्पष्ट होता है कि ऑटो वाले ने जानबूझकर जज को धक्का मारा है।’
गैंगस्टर समेत 15 अपराधियों का केस देख रहे थे उत्तम आनंद
जज उत्तम आनंद होटवार जेल में बंद गैंगस्टर समेत 15 बड़े अपराधियों के मामलों की सुनवाई कर रहे थे। उनके पास लंबित केसों में कई हाई प्रोफाइल मर्डर और आदतन अपराधियों के मुकदमे भी शामिल थे। उन्होंने दो मामलों में दो सगे भाइयों समेत तीन लोगों को उम्रकैद की सजा सुनाई थी। पोस्टमार्टम में जज उत्तम आनंद के सिर पर भारी चीज से चोट के निशान मिले थे।