रांची (झारखंड)
रांची में जनवरी के सर्दी में गर्मी का एहसास। जंगलों में पतझड़ दिख रहा है जो मार्च में होता था।
रात में पंखे की जरूरत
कल जब मैं जोन्हा फॉल्स की तरफ जा रहा था तो गर्मी का एहसास हो रहा था और रास्ते में पेड़ के पत्तों को झड़ते हुए देख रहा था। रांची में एक हफ्ते से जनवरी के महीने में मार्च की गर्मी का एहसास हो रहा है जो की आज तक नहीं हुआ। पहले जनवरी में एक या दो दिन गर्मी का एहसास हुआ था लेकिन रात ठंडी हो जाती थी। लेकिन इस बार रात को भी पंखे की जरुरत पड़ जा रही है।
चिंता का विषय
2020 में गर्मी में गर्मी नहीं पड़ी और इस 2021 में जाड़े में ठण्ड का एहसास कम हो रहा है। ये चिंता का विषय हो सकता है। आज 1970 में बिहार सरकार द्वारा प्रकशित Ranchi Gazetteer में रांची के पहले के तापमान को देख रहा था। उसमे साफ़ लिखा है कि दिसंबर – जनवरी के महीने में कड़ाके की ठण्ड पड़ती थी। western disturbances के चलते तापमान ३ से ४ डिग्री तक पहुँच जाता था। Ranchi Gazetteer के अनुसार 11 फरवरी 1950 में रांची का तापमान 2.8 डिग्री सेंटीग्रेड तक पहुँच गया था। 14 January 1931 को रांची का न्यूनतम तापमान 3.9 degree centigrade था।
विस्तृत शोध की जरुरत
ये लेख मैं 1.30 बजे दोपहर में लिख रहा हूँ और इस वक़्त तापमान 27 डिग्री सेंटीग्रेड है। जो तापमान मार्च के आखिरी महीने में होता था वो आज जनवरी के महीने में हो रहा है। इस तरह के मौसम के बदलाव में खेती पर असर पड़ सकता है खासकर गेहूं के खेती पर। कई तरह की बीमारियाँ फैलने का डर भी है। नदियां सूखेंगी और भूमिगत जल भी कम होगा। साफ़ लग रहा है की मौसम में बदलाव हो रहा है या कहें तो Climate shift हो रहा है। हवा के बहने की दिशा में भी बदलाव आ रहा है। इस तरह के बदलाव को आसानी से नहीं समझा जा सकता। विस्तृत शोध की जरुरत है।