Ranchi: 11 अप्रैल 2023 को रांची में सचिवालय मार्च के दौरान गोड्डा सांसद निशिकांत दुबे के खिलाफ धुर्वा थाना में दर्ज प्राथमिकी को निरस्त करने का आग्रह करनेवाली याचिका की आंशिक सुनवाई बुधवार को झारखंड हाइकोर्ट में हुई। हाइकोर्ट के न्यायमूर्ति आंनदा सेन की अदालत ने प्रार्थी निशिकांत दुबे के खिलाफ पीड़क कार्रवाई पर रोक अगली सुनवाई तक जारी रखी है। प्रार्थी की ओर से अधिवक्ता पार्थ जालान ने पैरवी की।
दरअसल, भाजपा की ओर से खनिज समृद्ध राज्य में बिगड़ती कानून व्यवस्था, मौजूदा भ्रष्टाचार और बेरोजगारी की उच्च दर के विरोध में इस मार्च का आयोजन किया गया था। कार्यक्रम के तहत सचिवालय की ओर मार्च कर रहे भाजपा कार्यकर्ताओं की पुलिस के साथ झड़प हो गई थी। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए आंसू गैस, वाटर कैनन का इस्तेमाल किया था और लाठीचार्ज भी किया था. उस दौरान क्षेत्र में सीआरपीसी की धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू की गई थी। मामले को लेकर धुर्वा थाना में कांड संख्या 107/2023 दर्ज किया गया था।
इसमें सांसद निशिकांत दुबे के अलावा पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी और रघुवर दास, केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा, चतरा सांसद सुनील कुमार सिंह, विधायक अमित मंडल, समीर उरांव सहित 41 नामजद एवं कई अज्ञात लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी।
पुलिस के मुताबिक पार्टी कार्यकर्ताओं के एक समूह ने बोतलें और पत्थर फेंके, जिससे कुछ पुलिसकर्मी और मीडियाकर्मी घायल हो गये थे। भाजपा कार्यकर्ताओं ने पुलिस बैरिकेड तोड़ कर बलपूर्वक आगे बढ़ने की कोशिश की थी, जिसपर पुलिस ने लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले छोड़े थे।