New Delhi: दिल्ली हाईकोर्ट के इस फैसले से शिबू सोरेन को बड़ा झटका लगा है। दिल्ली हाईकोर्ट ने झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के अध्यक्ष, पूर्व मुख्यमंत्री और राज्यसभा सदस्य शिबू सोरेन से जुड़े लोकपाल मामले में अपना फैसला सुना दिया है। दिल्ली हाईकोर्ट ने फैसला सुनाते हुए शिबू सोरेन की याचिका खारिज कर दी है।
इस मामले से जुड़े सभी पक्षों की पूरी बहस सुनने के बाद अदालत ने 22 सितंबर को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।
याचिका खारिज होने के साथ ही डीए (आय से अधिक संपति) मामले में शिबू सोरेन के खिलाफ लोकपाल के सामने कार्यवाही पर लगी रोक भी हट गई है। हाईकोर्ट से याचिका खारिज होने के बाद अब सीबीआई आय से अधिक सम्पति मामले में जांच शुरू कर सकती है।
बता दें कि भाजपा सांसद निशिकांत दुबे की शिकायत पर लोकपाल द्वारा शुरू की गई जांच के विरुद्ध झारखंड मुक्ति मोर्चा सुप्रीमो एवं राज्यसभा सदस्य शिबू सोरेन की याचिका पर सोमवार को दिल्ली हाई कोर्ट निर्णय सुनाई है। अगस्त, 2020 में भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने अपनी शिकायत में दावा किया था कि शिबू सोरेन और उनके परिवार के सदस्यों ने सरकारी धन का दुरुपयोग कर आय से अधिक संपत्ति अर्जित की है और भ्रष्टाचार में संलिप्त हैं।
इन आरोपों को पूरी तरह नकारते हुए सोरेन ने याचिका में दावा किया था कि लोकपाल और लोकायुक्त अधिनियम 2013 की धारा 53 के तहत अपराध के सात वर्ष बीत जाने के बाद किसी भी शिकायत की जांच करने का अधिकार लोकपाल को नहीं है।
फैसले के बाद गोड्डा सांसद निशिकांत दुबे ने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा “आज दिल्ली हाईकोर्ट ने लोकपाल में दाखिल मेरे केस को सुनवाई सुनिश्चित करने के लिए कहा और दख़लंदाज़ी से इनकार किया ।कोर्ट ने कहा कि सोरेन परिवार के भ्रष्टाचार पर फ़िलहाल लोकपाल की कार्रवाई व CBI क़ानून सम्मत है ।”