Ranchi: देवघर की सरोजनी हांसदा की याचिका पर सुनवाई के बाद सोमवार को झारखंड हाईकोर्ट ने आदेश देते हुए कहा है कि हिंदी विद्यापीठ देवघर से 26 फरवरी 2015 तक जारी सभी प्रमाणपत्र मान्य होंगे।
इसके साथ ही अदालत ने झारखंड सरकार के उस आदेश को रद्द कर दिया है, जिसमें 26 जून 2014 से पहले जारी मैट्रिक और अन्य प्रमाणपत्रों को निरस्त कर दिया गया था।
सोमवार को झारखंड हाईकोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस डॉ. एसएन पाठक की अदालत में इस मामले की सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान अदालत ने कहा कि पूर्व में हाईकोर्ट ने एक अन्य मामले में यह स्पष्ट आदेश दिया है कि विद्यापीठ से 26 फरवरी 2015 तक जारी प्रमाणपत्र वैध माने जाएंगे।
प्रार्थी ने अपनी याचिका में कहा था कि स्वास्थ्य विभाग में अनुकंपा के आधार पर अनुसेवक के पद पर नियुक्त हुई है। लेकिन बिना किसी नोटिस के यह कहते हुए सेवा समाप्त कर दी गई की उनका मैट्रिक का सर्टिफिकेट देवघर विद्यापीठ से जारी हुआ है, जो की अब मान्य नहीं है। विद्यापीठ से प्रार्थी का सर्टिफिकेट 23 जनवरी 2014 को जारी हुआ था।