Ranchi: राज्य की पूर्व खनन सचिव आइएएस पूजा सिंघल (IAS Pooja Singhal) की पहचान बुधवार से बदल गई है। मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार IAS अधिकारी पूजा सिंघल की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है। ईडी के विशेष न्यायाधीश पीके शर्मा की अदालत में पेशी के बाद होटवार स्थित बिरसा मुंडा केद्रीय कारा में भेज दिया गया। रिमांड की अवधि समाप्त होने के बाद उसे ईडी की विशेष कोर्ट में पेश किया गया था। होटवार जेल में आईएएस पूजा सिंघल को 1187 नंबर दिया गया है। यानी पूजा सिंघल अब कैदी नंबर 1187 के तौर पर जानी जायेंगी।
आम बोल-चाल की भाषा में यह नंबर जेल में बंद किसी “कैदी” की पहचान होती है। हालांकि टेक्निकल भाषा में अभी उन्हें बंदी ही माना जायेगा। सजा सुनाये जाने के बाद किसी को कैदी माना जाता है। इसलिए उन्हें जो नंबर मिला है, तकनीकि भाषा में उसे बंदी नंबर कहा जाता है।
19 करोड़ मिले थे नगद
निलंबित आईएएस पूजा सिंघल प्रकरण में ईडी की जांच लगातार जारी है। पूजा सिंघल, उनके पति अभिषेक झा और चार्टर्ड एकाउंटेंट सुमन कुमार के ठिकानों पर छापेमारी के दौरान ईडी को 19 करोड़ से अधिक रुपये नगद मिले। इसके अलावा माइनिंग माफिया से जुड़े होने के दस्तावेज मिलने की बात भी सामने आयी है। लगातार दो दिनों तक पूछताछ करने के बाद ईडी ने बुधवार को उन्हें अदालत में पेश किया। जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया।
2000 बैच की आइएएस अधिकारी हैं पूजा
पूजा सिंघल वर्ष 2000 बैच की आइएएस अधिकारी हैं। हजारीबाग में एसडीओ के पद पर पदस्थापन के साथ उन्होंने कैरियर की शुरुआत की। बाद में चतरा, खूंटी, पलामू जिले की डीसी के पद पर पदस्थापित रहीं। पहले पति राहुल पुरवार से तलाक के बाद उन्होंने अभिषेक झा से शादी की। अभिषेक झा रांची में स्थित पल्स नाम की जांच घर और अस्पताल के मालिक हैं। सरकार में पूजा सिंघल ने कृषि सचिव समेत अन्य पदों पर काम किया। गिरफ्तारी से पहले वह खनन सचिव के पद पर पदस्थापित थीं। खूंटी, चतरा और पलामू जिला में डीसी के पद पर रहते हुए कथित रुप से भ्रष्टाचार करने के मामले में ईडी ने उन्हें गिरफ्तार करके जेल भेजा है। इससे पहले ईडी के अफसरों ने 14 दिनों तक पूजा सिंघल से पूछताछ की।
चार आईएएस जा चुके हैं जेल
झारखंड अलग राज्य बनने के बाद झारखंड कैडर के के चार आईएएस अधिकारी जेल की हवा खा चुके हैं। चारों अधिकारी अलग-अलग मामले में जेल जा चुके हैं। मुख्य सचिव रहे सजल चक्रवर्ती पशुपालन घोटाला मामले में जेल जा चुके है। अशोक कुमार सिंह को बिहार के एक मामले में जेल जाना पड़ा था। हालांकि, वह केस से बरी हो गये थे। इसके अलावा डॉ प्रदीप कुमार और सियाराम प्रसाद झारखंड में हुए दवा घोटाले में जेल गये थे। स्वास्थ्य विभाग में तत्कालीन सचिव डॉ प्रदीप कुमार पर प्राथमिकी दर्ज करायी गयी थी।