पटना: बिहार में बुखार की दहशत कम नहीं हो रही है। कोरोना, वायरल, डेंगू, मलेरिया के बीच अब स्वाइन फ्लू ने भी दस्तक दे दी है। संक्रमण के डर से लोगों में दहशत है। वायरल भी इतना परेशान करने वाला पहले कभी नहीं था। पहले बिना अस्पताल गए बुखार ठीक हो जाता था, लेकिन इस बार ऐसा नहीं है।
कोरोना की तीसरी लहर की आशंका के बीच डेंगू, मलेरिया, वायरल के साथ स्वाइन फ्लू का खतरा है। बच्चों से लेकर हर उम्र के लोग परेशान हैं। सरकारी अस्पतालों में बेड फुल हैं और मरीजों को प्राइवेट अस्पतालों का सहारा लेना पड़ रहा है। एक साथ कई बीमारी का खतरा होने के कारण बुखार होते ही लोग परेशान हो जा रहे हैं और इलाज के लिए भटक रहे हैं।
एक्सपर्ट का कहना है कि डरें नहीं। इस समय बुखार के कई कारण हैं। कोविड, मलेरिया, वायरल, फ्लू कुछ भी हो सकता है। ऐसे में दवा को लेकर अलर्ट रहना चाहिए। एंटीबायोटिक के कई ग्रुप और कंपोजीशन हैं। संक्रमण अलग-अलग तरह के हैं, ऐसे में इसका साइड इफेक्ट भी हो सकते हें। बुखार होने पर तत्काल एंटीबायोटिक नहीं लेना है। एक से दो दिन बुखार के लिए पैरासिटामोल लेना है। अगर समस्या बढ़ रही है तो डॉक्टर से परामर्श लेना होगा। बिना डॉक्टर से चेक कराए एंटीबायोटिक दवा का प्रयोग नहीं करना चाहिए।
डॉक्टर ने कहा मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग के साथ सफाई का पूरा ध्यान रखना होगा। मास्क से कोरोना ही नहीं अन्य संक्रमण से बचाव होगा। साथ ही खान-पान के साथ इम्युनिटी को लेकर पर ध्यान देना होगा।