नई दिल्ली: विदेश मंत्रालय ने पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी के इस बयान को खारिज कर दिया जिसमें खैबर पख्तूनख्वा सूबे में एक बस पर हुए हमले से भारत और अफगानिस्तान की खुफिया एजेंसियों को जोड़ने की बात कही गई थी।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने शुक्रवार को कहा कि कुरैशी का बयान पाकिस्तान द्वारा भारत विरोधी दुष्प्रचार एक ओर प्रयास है। इसके जरिए पड़ोसी देश अपने यहां घोषित आतंकवादियों को सुरक्षित पनाह और क्षेत्रीय अस्थिरता के मुख्य केन्द्र की अपनी भूमिका से अंतरराष्ट्रीय बिरादरी का ध्यान हटाना चाहता है।
प्रवक्ता ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय बिरादरी आतंकवाद के बारे में पाकिस्तान की भूमिका से भलिभांति परिचित है। पाकिस्तान के भारत विरोधी दुष्प्रचार पर कोई विश्वास नहीं करेंगा। प्रवक्ता ने कहा कि भारत अंतरराष्ट्रीय बिरादरी के साथ मिलकर आतंकवाद विरोधी कार्रवाईयों में अग्रणी भूमिका निभा रहा है।
उल्लेखनीय है कि पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा सूबे के कोहिस्तान जिले में दासु जल विद्युत परियोजना चीन के सहयोग से निर्माणाधीन है। परियोजना स्थल की ओर जा रही एक बस विस्फोट के बाद एक खड्ड में जा गिरी थी। इसमें नौ चीनी नागरिकों सहित 13 लोग मारे गए थे। इस घटना के संबंध में पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने आरोप लगाया था कि जांच के बाद पता चला की यह एक आत्मघाती बम हमला था।
उन्होंने आरोप लगाया था कि हमले के पीछे अफगानिस्तान की खुफिया एजेंसी एनडीएस और भारत की खुफिया एजेंसी रॉ का हाथ था। पाकिस्तान ने यह भी दावा किया कि चीन सरकार पाकिस्तान की ओर से की गई जांच से संतुष्ट है।
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