Ranchi: उत्तराखंड के उत्तरकाशी में नेशनल हाइवे के प्रोजेक्ट के तहत सुरंग बनाने में फंसे 40 मजदूरों में 13 झारखंड के हैं। इन मजदूरों के परिजन और घरों के लोग परेशान हैं। झारखंड सरकार भी इनके रेस्क्यू अभियान पर नजर रख रही है।
राज्य के श्रम मंत्री सत्यानंद भोक्ता ने कहा है कि राज्य प्रवासी नियंत्रण कक्ष लगातार उत्तराखंड सरकार के संपर्क में है। फंसे मजदूरों में गिरिडीह जिले के सिमराढाब निवासी बुधन महतो का इकलौता पुत्र सुबोध वर्मा (25) और इसी जिले के केशोडीह के विश्वजीत वर्मा भी हैं। दोनों काम की तलाश में उत्तराखंड गये थे और इस प्रोजेक्ट में काम कर रहे थे। घर की आर्थिक स्थिति खराब होने की वजह से दोनों रोजगार की तलाश में घर से बाहर निकले हैं।
सोमवार अलसुबह करीब चार बजे सूचना मिलते ही पीड़ित के घर पहुंच स्वजन को घटना की जानकारी दी गई। प्रमुख ने उनके सकुशल होने की बात कही तो परिजन शांत हुए।
बता दें कि हादसा रविवार सुबह 4 बजे हुआ, जब टनल का 50 मीटर का हिस्सा गिर गया। नेशनल हाइवे सड़क निर्माण कार्य में वहां 38 अन्य विभिन्न क्षेत्रों के मजदूरों के साथ ये भी लगे हुए थे। वहां के कंट्रोलरूम के एसआई सुनील ने यह जानकारी दी है।
बिरनी के प्रखंड प्रमुख ने उत्तरकाशी के एसपी अर्पणा यदुवंशी, मुख्य विकास पदाधिकारी गौरव कुमार व कंट्रोल रूम के एसआई सुनील से मोबाइल पर वार्ता कर घटना की पूरी जानकारी ली।
एसपी अर्पणा यदुवंशी ने बताया कि घटना 12 नवंबर सुबह करीब नौ बजे की है। सभी मजदूर कार्य में लगे हुए थे। इसी बीच सुरंग का एक हिस्सा बैठ गया। इससे सभी कार्यरत मजदूर व कर्मी फंस गए। उनके राहत बचाव में प्रशासन पूरी तरह लगा है। सभी लोग सकुशल हैं। (IANS)