Deoghar: सिविल सर्जन, देवघर डॉ रंजन सिन्हा के निर्देशानुसार “राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम” अन्तर्गत दिनांक 10 सितंबर से 16 सितंबर तक को “विश्व आत्महत्या रोकथाम सप्ताह” के रूप में मनाये जानें के क्रम में शुक्रवार को एएस महाविद्यालय सत्संग, देवघर में “स्वस्थ्य मन स्वस्थ्य तन” के तहत अत्महत्या रोकथाम से संबंधित जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन शिक्षको एवं छात्रो की उपस्थिति में किया गया।
जिसमें मुख्य रूप से डॉ राजीव रंजन राज, मनोचिकित्सक, सदर अस्पताल देवघर के द्वारा छात्रो को संबोधित करते हुए बताया गया कि अवसाद, मानसिक विकार, नशे का सेवन, अत्याधिक तनाव, समाजिक या पारिवारिक अलगाव आदि वजह से आत्महत्या को कदम उठा लेते है। आत्महत्या का प्रयास करना गलत कदम है। इसे रोकने लिये मनुष्य के अंदर इन लक्षणों को पहचान कर उसे मनोचिकित्सक के संपर्क में लाना आवश्यक है। ताकि समय पर इसका इलाज हो सकें। डिप्रेशन के शिकार लोग नशे के तरफ असानी से बढ़ते है, जो घोतक बात है।
उन्होनें अपील करते हुए कहा कि विद्यालय के शिक्षक बच्चो को सही राह दिखाने का रोल प्ले करते है यदि बच्चो को दिक्कत है तो उन्हें शिक्षक से यह बात जरूर शेयर करनी चाहिए। साथ ही साथ ही एन०सी०डी० कोषांग के एफ०एल०ए० रवि कुमारी सिन्हा द्वारा बताया गया कि प्रत्येक वर्ष 10 सितम्बर को विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस के रूप में मनाया जाता एवं इस वर्ष का थीम ” कार्रवाई के माध्यम से आशा पैदा करना” है । आत्महत्या करने के बारे में सोचने वाले लोगों को कभी भी जिने कि चाह नही छोड़नी चाहिए। आज अवसाद कॉमन हो गया है इसका उपचार उपलब्ध है। यदि मन में लगातार निगेटिव ख्याल आता रहे तो यह अवसाद का लक्ष्ण हो सकता है। इसलिए इसे छुपाएँ नही बल्कि मनोचिकित्सक से संपर्क करें। उक्त कार्यक्रम में डॉ अशोक कुमार प्रचार्य एएस महाविद्यालय सत्संग, डॉ विनित रानी, डॉ राहुल सिंह, पूनम कुमारी, कुमार अभिषेक, मो शोयब एवं संस्थान के अन्य शिक्षक एवं छात्र-छात्राएं उपस्थित थे।