Ranchi: मनरेगा घोटाले (MGNREGA scam) में फरार चल रहे आरोपित विशाल चौधरी पत्नी समेत विदेश भागने के फिराक में थे। इसी दौरान सुरक्षाकर्मियों ने दोनों को दिल्ली एयरपोर्ट (Delhi Airport) पर पकड़ लिया। इसके बाद इसकी सूचना ईडी को दी गई। मौके पर पहुंचे ईडी के अधिकारियों ने विशाल चौधरी को समन देकर 28 नवंबर को रांची स्थित कार्यालय में हाजिर होने का निर्देश देकर छोड़ दिया।
उल्लेखनीय है कि ईडी ने मनरेगा घोटाले की जांच के दौरान विशाल के अशोक नगर स्थित घर और उसके संस्थान पर छापेमारी की थी।
जानकारी के अनुसार विशाल चौधरी हर माह थाईलैंड और श्रीलंका का दौरा करते थे। विशाल चौधरी कई बार अपनी यात्रा के दौरान अपने पूरे स्टाफ को भी ले जाते थे। अपने कार्यालय के स्टाफ को ये हर तीन महीने में बदलते रहते थे। इनके कार्यालय का नाम फ्रंट लाइन ग्लोबल सर्विसेस है।
इनकी दूसरी कंपनी का नाम विनायक ग्रुप ऑफ कंपनी है, जो पांच साल पहले चिटफंड का काम किया करती थी। साथ ही कोरोना काल में प्राण प्लान ग्लोबल सर्विसेस को हेल्थ विभाग से कई प्रकार के टेंडर मिले हैं, जिसका भी डॉक्यूमेंट ईडी को मिला है। कोरोना काल में बिजली वितरण के कई इंजीनियर और कुछ एजेंसियों का बकाया रकम इनके माध्यम से ही पेमेंट हुआ है। रांची के मांडर में विशाल चौधरी की 22 एकड़ ज़मीन के कागज भी ईडी को मिला है।