Deoghar: राज्य में उच्च शिक्षा की स्थिति काफी दयनीय है। कॉलजे में पढ़ाने के लिये प्रोफेसर तो क्या कुलपति की भी कमी है कहीं रजिस्टार नहीं तो कहीं एग्जाम कट्रोलर नहीं हैं। एैसे में शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार करना काफी मुश्किल है। उक्त बातें शनिवार को तक्षशिला विद्यापीठ में आयोजित इग्नू अध्ययन केन्द्र के उद्घाटन के दौरान राज्य के राज्यपाल रमेश बैस ने कही।
उन्होंने कहा कि उन्हें जब इस बात की जानकारी हुई तो उन्होंने पहले कई यूनिवर्सिटी में कुलपति को नियुक्त किया उसके बाद 450 प्रोफेसर को नियुक्त किया गया। कहा कि उसके बावजूद भी राज्य के कॉलेजों में प्रोफेसर की काफी कमी है। राज्य के विद्यार्थी उच्च शिक्षा की पढाई के लिये मजबूरन दूसरे प्रदेश का रूख कर लेते हैं। कहा कि जेपीएससी में सफल होने वाले 10-12 बच्चे उनसे मिलने आये थे।
जब उनसे शिक्षा कहां से ली तो बताया कि प्राथमिक शिक्षा तो अपने शहर से ही लिया लेकिन उच्च शिक्षा के लिये दूसरे प्रदेश गये थे। कहा कि राज्य में इस तरह की शिक्षा की व्यवस्था हो जिससे दूसरे राज्य के बच्चे झारखंड में पढ़ने के लिये पहुंचें। कहा कि हिंदी राष्ट्रभाषा है लेकिन उत्तर और पूर्व राज्य में हिंदी में कम काम ही होते हैं। तमिलनाडू में सौ प्रतिशत हिंदी में कार्य का संपादन किया जा रहा है।
उन्होंने यह भी कहा कि हिंदी को को बढ़ावा देने के लिये अब मेडिकल और इंजिनियंरिग की पढाई भी हिंदी में शुरू किया जा रहा है। कहा कि जितना दिन वो रहेंगें झारखंड की शिक्षा व्यवस्था को सुदृढ करने का कार्य करेगें।