Ranchi: अंकिता हत्याकांड की जांच से डीएसपी नूर मुस्तफा को भाजपा की आपत्ति के बाद सोमवार को हटा दिया गया है। मुस्तफा को हटाने की मांग परिवार वालों ने भी की थी। पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने डीएसपी नूर मुस्तफा पर पीएफआई से मिली भगत का आरोप भी लगाया है।
वहीं, गोड्डा सांसद निशिकांत दुबे ने भी मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को 48 घंटे का अल्टीमेटम देकर नूर मुस्तफा को इस हत्याकांड की जाँच से हटाने की मांग की थी।
दुमका में 23 अगस्त को घर में सो रही 12वीं की छात्रा अंकिता सिंह को उसी के मोहल्ले के शाहरुख हुसैन ने पेट्रोल डालकर आग लगा दी थी। इसके बाद 90 फीसदी झुलसी हुई छात्रा की रिम्स रांची में भर्ती कराया गया, 27 अगस्त को अंकिता की इलाज के दौरान मौत हो गई। 2021 में जैक बोर्ड (JAC) से जारी मैट्रिक की वार्षिक परीक्षा में अंकिता की जन्मतिथि 26 नवंबर 2006 दर्ज है।
इस मामले में डीएसपी नूर मुस्तफा पर आरोपित शाहरुख को बचाने का आरोप लगा। इस मामले की जांच से नूर मुस्तफा को हटा दिया गया। भाजपा के वरिष्ठ नेता बाबूलाल मरांडी ने डीएसपी नूर मुस्तफा पर आरोप लगाया था कि इस मामले में आरोपित को डीएसपी बचा रहे हैं। डीएसपी मुस्तफा को इस मामले से हटा दिया गया है और अब इस जांच में उनका कोई योगदान नहीं रहेगा।