Ranchi: झारखंड हाई कोर्ट (Jharkhand High Court) के चीफ जस्टिस डॉ रवि रंजन और जस्टिस एसएन प्रसाद की बेंच में गुरुवार को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Chief Minister Hemant Soren) से जुड़े शेल कंपनी और माइनिंग लीज (Shell Company and Mining Lease) मामले में सुनवाई हुई। मामले की अगली सुनवाई 30 जून को वर्चुअली होगी।
कोर्ट में राज्य सरकार की ओर से बताया गया कि अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में पक्ष रखा है, जिसपर 11 जुलाई को सुनवाई होनी है। मुख्यमंत्री हेमंत का पक्ष रखते हुए अधिवक्ता मीनाक्षी अरोड़ा ने 11 जुलाई तक हाई कोर्ट से इंतजार करने की मांग की। मामले की मेरिट पर वर्चुअल सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल झारखंड सरकार की ओर से पक्ष रखा। दोनों ही मामलों के प्रार्थी शिव शंकर शर्मा है, जिनके अधिवक्ता राजीव कुमार है। ईडी की ओर से अधिवक्ता एसवी राजू सुनवाई में शामिल रहे।
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने पाया कि माइनिंग लीज मामले में हेमंत सोरेन का पक्ष रख रहे अधिवक्ता अमृतांश वत्स ने वकालतनामा फाइल नहीं किया है। कोर्ट ने इसे गंभीरता से लिया। साथ ही कहा कि जब वकालतनामा फाइल नहीं की गई थी तब आप पक्ष कैसे रख सकते हैं। दो दिनों के भीतर अधिवक्ता को सभी एफिडेविट कोर्ट को सौंपने का निर्देश दिया गया है। सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के मामले में हाई कोर्ट ने कहा कि जब तक सुप्रीम कोर्ट से स्टे आर्डर नहीं मिल जाता है तब तक मामले की सुनवाई जारी रहेगी।
उल्लेखनीय है कि पूर्व की सुनवाई में भी राज्य सरकार की ओर से सुनवाई टालने की मांग की गयी है लेकिन कोर्ट ने इससे सिरे से खारिज करते हुए सुनवाई जारी रखा। झारखंड हाई कोर्ट में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के खिलाफ 11 फरवरी को जनहित याचिका दायर की गयी है।