spot_img
spot_img

बेहतर माहौल बनाने में झारखंड जगुआर की अहम भूमिका : हेमंत सोरेन

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि हर जंग जीतकर, हर चुनौती का सफलतापूर्वक सामना कर झारखंड जगुआर 2008 से लेकर आज तक का लम्बा सफर तय करते हुए इस मुकाम पर पहुंचा है।

Ranchi: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि हर जंग जीतकर, हर चुनौती का सफलतापूर्वक सामना कर झारखंड जगुआर 2008 से लेकर आज तक का लम्बा सफर तय करते हुए इस मुकाम पर पहुंचा है। झारखंड जगुआर के गठन से लेकर आज 14 वर्ष का सफर तय करने में हमने अपने कई वीर जवानों को खोया है। राज्य में शांति और उन्नति का माहौल बनाए रखने में सर्वस्व न्योछावर करने वाले वीर शहीद जवानों को विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं।

मुख्यमंत्री शनिवार को रांची के टेंडरग्राम स्थित जगुआर हेड क्वार्टर कैंपस में आयोजित झारखंड जगुआर के 14वें स्थापना दिवस समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि झारखंड जैसे खूबसूरत प्राकृतिक सौंदर्य के माहौल के बीच नक्सलियों ने एक डर और भय का वातावरण बनाने का काम किया है लेकिन झारखंड पुलिस और झारखंड जगुआर के जवानों ने उग्रवाद उन्मूलन अभियान चलाकर राज्य में फिर से एक बेहतर वातावरण सृजन करने में अहम भूमिका निभाई है। आने वाले समय में भी इसी सकारात्मक सोच के साथ आपसी समन्वय बनाकर आगे बढ़ना है और झारखंड को देश के समृद्ध और उन्नत राज्यों की श्रेणी में लाकर खड़ा करना है।

टेंडरग्राम अब एक खूबसूरत कैंपस बना

मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड जगुआर का यह कैंपस जो टेंडरग्राम के नाम से जाना जाता है, इस क्षेत्र में कोई भी व्यक्ति आना नहीं चाहता था। टेंडरग्राम वीरान और चट्टान भरा किला हुआ करता था। आज यह परिसर एक भव्य और सुंदर कैंपस का रूप ले चुका है। इस कैंपस को स्वच्छ एवं सुंदर बनाने में झारखंड जगुआर के सभी जवानों की महती भूमिका है। जवानों को आज बधाई एवं शुभकामनाएं देता हूं। मुख्यमंत्री ने कहा कि टेंडरग्राम स्थित झारखंड जगुआर के इस परिसर को और भी खूबसूरत तथा भव्य बनाया जा सकता है। आप इसी तरह आगे बढ़ते रहें। राज्य सरकार सदैव आपके साथ खड़ी है।

शांत वातावरण और सुरक्षा राज्य सरकार की प्राथमिकता

मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड गठन के 20 साल पूरे हो चुके हैं। हमारी सरकार ने कई चीजों को अलग स्तर से स्थापित करने का काम किया है। कठिन चुनौतियों के बीच व्यवस्थाओं को सुदृढ़ कर खड़ा किया जा रहा है। अब वक्त आ चुका है कि संसाधनों और संभावनाओं का समन्वय स्थापित कर राज्य में विकास कार्यों को गति प्रदान की जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में शांत वातावरण, आम जनों की सुरक्षा हमारी सरकार की प्राथमिकता रही है। राज्य के कोने-कोने में सुरक्षा स्थापित हो, सुरक्षा का संदेश और महक घर-घर तक, व्यक्ति-व्यक्ति तक कैसे फैले आज यह संकल्प लेने का दिन है।

हेमन्त सोरेन ने कहा कि आज इस स्थापना समारोह कार्यक्रम में कई वीर शहीद पुलिस जवानों के परिजन हमारे बीच उपस्थित हैं। राज्य सरकार वीर शहीद जवानों के परिजनों को सम्मानित करने का काम किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार शहीद जवानों के परिजनों के हर दुःख-सुख में सदैव खड़ी रहेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस माटी के वैसे वीर सपूत जो अपना कर्तव्य निर्वहन में अपना सर्वस्व दिया है उनके शहादत को हम सभी लोग हमेशा अपने दिलों में रखते हुए आगे का सफर तय करेंगे।

झारखंड जगुआर राज्य का गौरव

इस अवसर पर मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव-सह-गृह विभाग के प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का ने कहा कि आज का दिन झारखंड जगुआर के वीर शहीदों को याद करने का दिन है। अपने कठिन परिश्रम के बदौलत झारखंड जगुआर ने कई उत्कृष्ट कार्य कर दिखाया है। राज्य के उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों में निरंतर इस बल द्वारा नक्सल उन्मूलन अभियान चलायी जा रही है। राज्य से उग्रवाद संगठनों का सफाया सुनिश्चित करने में झारखंड जगुआर फोर्स प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है।

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के नेतृत्व में झारखंड पुलिस और झारखंड जगुआर के प्रयास से राज्य में नक्सली घटनाओं में कमी आई है। झारखंड जगुआर पर पूरे राज्य को गर्व है। झारखंड जगुआर को और कारगर बनाने के लिए आधुनिक प्रशिक्षण तथा हथियार इत्यादि संसाधनों से जोड़ा जा रहा है। इस बल को संसाधन संपन्न बनाना राज्य सरकार की प्राथमिकता है।

झारखंड जगुआर ने बनाई अपनी अलग पहचान

इस अवसर पर डीजीपी नीरज सिन्हा ने झारखंड जगुआर द्वारा नक्सल उन्मूलन अभियान के अद्यतन कार्यों की विस्तृत जानकारी रखी। उन्होंने कहा कि विकट परिस्थितियों में भी इस बल के जवानों ने हौसला बुलंद रख काफी अच्छा काम कर दिखाया है। अपने शौर्य के बल पर इस फोर्स ने बहुत कम समय में अपनी एक अलग पहचान बनाई है। मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन के नेतृत्व में झारखंड जगुआर को उच्च कोटि का बल बनाने का निरंतर प्रयास किया जा रहा है।

शहीदों के परिजन हुए सम्मानित

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने झारखंड जगुआर के 17 शहीद पुलिस पदाधिकारी तथा कर्मियों के परिजनों को सम्मानित किया। सम्मानित किए गए परिजनों में शहीद इंद्रदेव सिंह (वितंतु) की पत्नी ममता इंदू, शहीद (आरक्षी) गोपाल लकड़ा की पत्नी सविता लकड़ा, शहीद (आरक्षी) बुधवा मुंडा की पत्नी शोभा मुंडा, शहीद (आरक्षी) अशोक कुमार की पत्नी ममता देवी, शहीद (आरक्षी) मोहन कुमार नीरज की पत्नी संगीता देवी, शहीद (आरक्षी) परमानंद चौधरी की पत्नी रूबी कुमारी, शहीद (आरक्षी) अजय कुजूर की पत्नी सरिता कुजूर, शहीद (आरक्षी) देव कुमार महतो की पत्नी ममता कुमारी, शहीद (आरक्षी) कुंदन कुमार सिंह की माता शारदा देवी, शहीद (आरक्षी) हरद्वार साह की पत्नी चंचल देवी, शहीद (आरक्षी) खंजन कुमार महतो की माता गौरी देवी, शहीद (आरक्षी) मनोज बाखला की पत्नी मंजू सरिता बाखला, शहीद (हवलदार) देवेंद्र कुमार पंडित की पत्नी रेखा देवी, शहीद (उप-समादेष्टा) राजेश कुमार की पत्नी रूबी कुमारी, शहीद (आरक्षी) किरण सुरीन की पत्नी ग्रेस गुड़िया शामिल थीं। मौके पर मुख्यमंत्री ने झारखंड जगुआर परिसर का परिभ्रमण भी किया।

इस अवसर पर एडीजी सीआईडी प्रशांत सिंह, एडीजी वायरलेस आरके मल्लिक, आईजी एसटीएफ अमोल होमकर, डीआईजी एसटीएफ अनूप बिरथरे सहित अन्य वरीय पुलिस पदाधिकारी एवं झारखंड जगुआर के जवान उपस्थित थे।

Leave a Reply

Hot Topics

Related Articles

Don`t copy text!