Deoghar: एक तरफ विश्व कल्याण की कामना के साथ ही धार्मिक और सांस्कृतिक एकता को एक सूत्र में पिरोने को लेकर केदारनाथ पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मूर्ति का अनावरण कर ध्यान पर बैठे तो, दूसरी तरफ देवघर के बैधनाथधाम ज्योतिर्लिंग को असली और नकली बता सियासत चमकाने वालों की जुबान पर भी ताला लगने के साथ ही इस विवाद पर भी हमेशा के लिए विराम लग गया है।
दरअसल, महाराष्ट्र के परली महादेव और देवघर के द्वादश ज्योतिर्लिंग को लेकर पैदा हुए विवाद ने दुनियाभर के तमाम श्रद्धालुओं के लिए असमंजस की स्थिति पैदा कर दी थी लेकिन, प्रधानमंत्री के केदारनाथ यात्रा के समय देश के सभी बारह ज्योतिर्लिंगों में कार्यक्रम का आयोजन कर कला-संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार ने एक साथ और एक वक्त पर सभी विवाद पर विराम लगाने के साथ ही बैधनाथधाम कि महत्ता और धार्मिक महत्व को भी स्थापित कर दिया है।
इसको लेकर गोड्डा सांसद निशिकांत दुबे ने भी कहा कि आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सारे विवाद को ही खत्म कर दिया और ये तय कर दिया कि देवघर का बैद्यनाथ ही ज्योतिर्लिंग है। ये बिहार, झारखण्ड और उत्तरप्रदेश के श्रद्धालुओं के लिए ख़ुशी की बात है।
बता दें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी केदारनाथ धाम पहुंचे। उन्होंने यहां गर्भगृह में करीब 15 मिनट तक पूजन किया, फिर मंदिर की परिक्रमा की। इसके बाद आदि गुरु शंकराचार्य के हाल ही में बने समाधि स्थल पर शंकराचार्य की प्रतिमा का अनावरण किया। ये प्रतिमा 12 फुट लंबी और 35 टन वजनी है। केदारनाथ धाम में पीएम ने कई प्रोजेक्ट का शिलान्यास और लोकार्पण भी किया।
इस ऐतिहासिक अवसर को यादगार बनाने के लिए एक राष्ट्रव्यापी कार्यक्रम किया गया। इसके तहत चार धामों, बारह ज्योतिर्लिंगों और प्रमुख मंदिरों, कुल मिलाकर 87 तीर्थ स्थलों पर प्रधानमंत्री का कार्यक्रम LED और बिग स्क्रीन पर सीधा प्रसारित किया गया। ये सभी मंदिर श्री आदि शंकराचार्य के यात्रा मार्ग पर पूरे देश में स्थापित हैं।