देवघर: पिछले जुलाई माह से देवघर में भारत विकास परिषद, देवघर शाखा के नाम कुछ व्यक्तियों द्वारा गलत तरीके से एक अन्य शाखा बना देवघर में परिषद के मूल शाखा पर दावा जताकर जो भ्रांतियां पैदा की गई है, उसको लेकर मूल कार्यरत शाखा के पदाधिकारियों द्वारा प्रेस वार्ता कर चीजों को स्पष्ट किया गया।
भाविप के पदाधिकारियों ने बताया कि भारत विकास परिषद् रा.स्वयं सेवक संघ की अनुषांगिक संगठन है, जो सेवा के क्षेत्र में कार्य करती है.. संगठन में राष्ट्रीय संगठन सचिव RSS के ही होते हैं.. वर्तमान में विक्रांत खण्डेलवाल को संगठन सचिव मनोनीत किया गया है, जिनका केंद्र लखनऊ होगा…
प्रेस वार्ता में परिषद के अध्यक्ष ई. प्रकाश चन्द्र सिंह ने जानकारी दी कि इस विवाद का पटाक्षेप केंद्रीय महासचिव द्वारा 7 सितंबर 2021 को एक पत्र जारी कर कर दिया गया है। इस पत्र के अनुसार वर्तमान कार्यरत शाखा को ही नियमानुकूल सही बताया गया है और संतोष शर्मा द्वारा मनोनीत शाखा को अवैध बताया गया है।
इस संबंध में पूरे घटनाक्रम को अध्यक्ष ने देवघर की जनता के समक्ष रखा है:
1. सत्र 2021-22 के लिए नियमानुकूल कार्यकारिणी का चुनाव 31 मार्च 2021 को प्रान्तीय आर.ओ. दीपक रूईया के वर्चुअल उपस्थिति में सम्पन्न कराया गया, जिसमें प्रकाश चन्द्र सिंह – अध्यक्ष, डा. राजेश राज – सचिव, एवं प्रीति कुमारी – कोषाध्यक्ष निर्वाचित घोषित किये गये।
2. बाद में जुलाई 2021 को शाखा के दो सदस्यों श्री संतोष शर्मा एवं प्रो0 अरविंद कुमार झा ने प्रान्तीय पदाधिकारियों को गुमराह कर देवघर शाखा के नाम से ही नई कार्याकरिणी का मनोनयन कर लिया। जिसके अनुसार संतोष शर्मा – अध्यक्ष, मनोज कुमार मिश्र – सचिव एवं अशोक कुमार शर्मा (दायमा) – कोषाध्यक्ष मनोनीत किये गये और वेवजह शाखा पर अपना अधिकार बता कर देवघर की प्रबुद्ध जनता के बीच भ्रम पैदा किया गया।
3. यह मनोनयन परिषद के संविधान के विपरीत है क्योंकि परिषद के नियमानुसार अध्यक्ष, सचिव एवं कोषाध्यक्ष में नियुक्ति के लिए कम से कम दो वर्ष पुराना सदस्य होना अनिवार्य है इस मनोनीत समिति के सचिव और कोषाध्यक्ष परिषद की देवघर शाखा में पहले से सदस्य थे ही नहीं।
4. संतोष शर्मा और प्रो. अरविन्द कुमार झा को परिषद के नियमों के विरूद्ध गलत आचरण के कारण विधिवत कार्यरत शाखा की कार्यकारिणी ने शाखा की सदस्यता से निष्काषित कर दिया है।
5. उन दोनों ने गलत तरीके से पहले से कार्यरत शाखा के सभी सदस्यों को दरकिनार कर तथा शाखा को गलत बताकर शहर के कई गणमान्य लोगों को भ्रमित किया। परिषद के कार्यरत शाखा के सभी वर्तमान सदस्यों को अवैध बताकर उनकी सामाजिक प्रतिष्ठा को ठेस पहुंचाया और शहर के कई बुद्धिजीवियों को गलत जानकारी देकर सदस्य बनाने का काम कर उन दोनों ने भारत विकास परिषद के नाम का गलत इस्तेमाल किया।
6. यह उल्लेखनीय है कि प्रान्तीय पदाधिकारियों ने आज तक विधिवत कार्यरत शाखा को निरस्त करने का कोई आदेश निर्गत नहीं किया है। दोनों द्वारा देवघर में प्रान्तीय अध्यक्ष से प्रेस में अपने पक्ष में बयान दिलाया, लेकिन कार्यरत शाखा को निरस्त करने का कोई लिखित आदेश निर्गत नहीं हुआ जो स्पष्ट करता है कि प्रांतीय अधिकारियों का इनलोगों ने गलत इस्तेमाल किया गया।
7. इन दोनों व्यक्तियों ने देवघर शाखा के बैंक खाता को भी अपने अधिकार में लेने का असफल प्रयास किया और बैंक में विधिवित अध्यक्ष, सचिव, कोषाध्यक्ष की जगह अपना नाम डलवाने का आवेदन दे दिया। इस तरह इन्होंने बैंकिंग में फ्रोडिज्म करने की भी कोशिश की है।
8. बैंक खाता के संचालन में प्रान्तीय शाखा को हस्तक्षेप करने का कोई अधिकार नहीं है, तथापि इन्होंने बैंक को प्रान्तीय अधिकारियों का पत्र भेजवाकर गुमराह किया और बैंक को ऐसा पत्र देकर प्रान्त के अध्यक्ष, सचिव और कोषाध्यक्ष ने भी अवैधानिक कार्य किया है।
9. संतोष शर्मा और प्रो. अरविंद कुमार झा ने विधिवत कार्यरत शाखा पर वित्तिय गड़बड़ी का आरोप शहर में घुम-घुम कर लगाया जबकि हकीकत यह है कि परिषद के लेन-देन तथा चंदा आदि का कार्य खाता के माध्यम से ही किया जाता है और परिषद ने ऑडिट रिपोर्ट भी बना रखा है।
आरोप है कि ऐसा प्रतीत होता है कि उनकी नजर खाते में जमा राशि पर भी है और इसलिए यह जानते हुए भी कि खाता संचालन के लिए नये नियुक्त पदाधिकारियों के नाम का परिवर्तन निवर्तमान पदाधिकारियों द्वारा जारी प्रस्ताव के आलोक में किया जाता है तथापि संतोष शर्मा ने अनधिकृत रूप से खाता संचालन में किसी और के नाम को बैंक में अपडेट कराने की कोशिश किया।
परिषद के सचिव डा. राजेश राज ने बताया कि संतोष शर्मा ने दबाव बनाने के लिए उन्हें एवं निवर्त्तमान सचिव अभय कुमार पर सोशल मीडिया में आरोप लगाया गया कि इन दोनों द्वारा मुझे प्रताड़ित किया जा रहा है और कोई अप्रिय घटना होगी तो इसके जिम्मेदार ये दो लोग ही होंगे। करे कोई, भरे कोई वाली बात उन्होंने फैलाने की कोशिश की।
सचिव ने कहा कि इन घटनाक्रम की शिकायत विधिवत कार्यरत शाखा द्वारा क्षेत्रीय और केन्द्रीय पदाधिकारियों के संज्ञान में दिया गया। इसके बाद केन्द्रीय महासचिव श्याम शर्मा और केन्द्रीय उपाध्यक्ष एस. एन. पाण्डा ने वस्तुस्थिति की जाँच कर निर्देश/आदेश जारी किया जिसके अनुसार देवघर शाखा के निर्वाचित कार्यरत शाखा को सही बताते हुए बाद में मनोनयन के आधार पर घोषित शाखा को अवैध बताया है और प्रान्तीय पदाधिकारी को इस आशय की घोषणा करने का निर्देश दिया है। साथ ही बैंक में इस अवैध शाखा द्वारा खाता संचालन के लिए अनधिकृत नाम बदलवाने की कोशिश को गलत बताया है।
मीडिया को ये बताया गया कि भारत विकास परिषद, देवघर शाखा की विधिवत कार्यरत शाखा ही वैध है और अब लोगों को और भ्रमित होने की आवश्यकता नहीं है। संतोष शर्मा ने देवघर के कई प्रबुद्धजनों को गुमराह करने की कोशिश की है और स्वयं देवघर में भारत विकास परिषद के संस्थापक सदस्य और पूर्व सचिव और अध्यक्ष रहते हुए भी परिषद की मर्यादा को ठेस पहुंचाया है। यही हाल प्रो. अरविंद झा का भी है, वे भी पूर्व सचिव और अध्यक्ष रह चुके हैं।
परिषद के वर्तमान संरक्षक सदस्य डॉ. सुनील सिन्हा ने कहा कि देवघर सांस्कृतिक राजधानी है और यहां के प्रबुद्धजन कहीं न कहीं सक्रिय सामाजिक कार्यों और संगठन से जुड़े होते हैं। ऐसे में व्यक्तिगत महत्वाकांक्षा को दरकिनार कर लोगों को सुचितापूर्ण व्यवहार करना चाहिए और बेवजह किसी और की प्रतिष्ठा को ठेस पहुंचाने की कोशिश नहीं करनी चाहिए।
भारत विकास परिषद के सदस्यों का कहना है कि परिषद के नियमानुसार एक जगह एक से अधिक शाखा हो सकते हैं, तो संतोष शर्मा और अरविन्द झा को वर्तमान शाखा के अस्तित्व पर उंगली न उठाकर अपनी अलग शाखा बना सकते थे। परिषद के ध्येय वाक्य *”संपर्क सहयोग संस्कार सेवा समर्पण”* के अनुरूप दोनों महानुभावों और उनके साथ बने नये सदस्यों से अपील करता हूं कि वे अगर खुले मन के साथ इस शाखा से जुड़ना चाहते हैं तो स्वतंत्र रूप से सबका स्वागत है और किसी भी व्यक्ति के साथ कोई दुराभाव नहीं है।
प्रेस वार्ता में उपरोक्त के अलावे उपाध्यक्ष आलोक मल्लिक एवं डॉ. नीतू, कोषाध्यक्ष प्रीति कुमारी, निवर्तमान सचिव अभय कुमार, निवर्तमान कोषाध्यक्ष बिपिन मिश्र आदि उपस्थित थे।