Ranchi: झारखंड में ग्राम पंचायतों को छह माह का अवधि विस्तार दे दिया गया है। जानकारी के अनुसार इससे जुड़े अध्यादेश को झारखंड के राज्यपाल रमेश बैस की मंजूरी मिल गई है। हालांकि झारखंड सरकार ने इस मुद्दे पर फिलहाल अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया है कि पंचायतों में कार्यकारी समिति की मौजूदा व्यवस्था जारी रखी जाएगी या कोई दूसरी व्यवस्था कायम की जाएगी।
इस संबंध में ग्रामीण विकास मंत्री और संसदीय कार्य मंत्री आलमगीर आलम ने कहा है कि पंचायतों के चुनाव आगामी दिसंबर महीने तक हर हाल में चुनाव करा लिए जाएंगे। सरकार पंचायती राज व्यवस्था को लेकर पूरी तरह गंभीर हैं। पंचायतों में विकास कार्यों को गति देने के लिए सरकार हर संभव कदम उठाएगी।
उल्लेखनीय है कि दिसंबर 2020 में पंचायतों का कार्यकाल खत्म होने पर सरकार ने छह महीने का एक्सटेंशन देते हुए मुखिया की अध्यक्षता में कार्यकारी समिति की व्यवस्था कायम की गई थी। इसके जरिए मुखिया को वित्तीय अधिकार भी मिले थे। इस बार अध्यादेश के जरिए ग्राम पंचायतों को जो विस्तार दिया गया है उसका स्वरूप क्या होगा। इस पर राज्य सरकार फिलहाल विचार विमर्श कर रही है।
जानकारी के अनुसार पंचायतों का कार्यकाल राज्य में पंचायत चुनाव होने तक या सिर्फ छह माह की अवधि में से जो पहले होगा उस वक्त तक रहेगा। राज्य में पंचायतों को दिए गए एक्सटेंशन का समय सात जुलाई को समाप्त हो गया था। कोरोना की वजह से निकट भविष्य में चुनाव संभव नहीं है। यही वजह है कि सरकार अवधि विस्तार के लिए अध्यादेश लायी।
आगामी मानसून सत्र में इसे विधेयक का रूप देकर नियमों से संशोधन करने की तैयारी कर रही है। फिलहाल जो नियम है उसके मुताबिक सरकार केवल एक बार ही पंचायतों को अवधि विस्तार दे सकती है। दोबारा एक्सटेंशन देने के लिए मौजूदा नियमों में बदलाव करना होगा।