देवघर: कोरोना संक्रमण कम होने के बाद झारखंड राज्य को अनलॉक करने की कड़ी में एक जुलाई से सरकार ने धार्मिक संस्थानों को खोला तो जरूर है। लेकिन श्रद्धालुओं के लिए नहीं। नए गाइडलाइन्स के मुताबिक श्रद्धालुओं के लिए धार्मिक संस्थान बंद ही रहेंगे। ऐसे में धार्मिक संस्थानों पर आश्रित रोजी-रोटी चलाने वालों की आर्थिक हालत बिगड़ते जा रही है। जिसका विरोध देवघर बाबा मंदिर पर आश्रित दुकानदारों ने गुरुवार को किया।
कोरोना की पहली लहर के दौर से दूसरी लहर तक लगभग देवघर का बाबा बैद्यनाथ मंदिर बंद ही है। ऐसे में बाजार का हाल बुरा है। खासकर, श्रद्धालुओं के न आने से बाबा मंदिर की गलियों में सजने वाले बाजार और खुदरा दुकानदार के समक्ष आर्थिक संकट विकराल रूप लेता जा रहा है। ऐसे में एक जुलाई को जब झारखण्ड सरकार का ये आदेश आया कि बाबा मंदिर आम श्रद्धालुओं के लिए नहीं खुला है तो निराश दुकानदारों ने खुदरा दुकानदार संघ के बैनर तले बाबा मंदिर गेट पर सरकार के आदेश के खिलाफ आक्रोश प्रकट किया।
कटोरा लेकर दुकानदारों का प्रदर्शन
दुकानदारों ने सरकार से बाबा मंदिर खोलने की मांग लिए हाथ में कटोरा लेकर प्रदर्शन किया। शारीरिक दूरी के साथ हाथों में कटोरा लेकर राज्य सरकार एवं जिला प्रशासन से बाबा मंदिर खोलने एवं आर्थिक पैकेज की भी मांग की गयी।
आर्थिक संकट का सामना कर रहे दुकानदार
दुकानदारों ने कहा कि आर्थिक संकट का सामना कर रहे हैं, बाबा मंदिर बंद होने व यात्रियों के नहीं आने के कारण क्षेत्र की सभी दुकानदारों की रोजी रोजगार प्रभावित हो गया है। पिछले 15 माह से लाकडाउन लगा हुआ है। सरकार के स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह के कारण हम सभी को आर्थिक संकट का सामना करना पड़ रहा है। सभी मंदिर पर आश्रित हैं मंदिर कोरोना काल से बंद पड़ा है, सरकार द्वारा सभी चीजों को खोल दिया गया पर ऐसी कौन सी व्यवस्था है कि अन्य प्रदेशों में सारे धार्मिक स्थलों को खोल दिया गया और यहां का धार्मिक स्थल बंद है।
मंदिर खोलो सरकार, वरना होगा आंदोलन
दुकानदारों ने मांग की कि यहां भी राज्य सरकार को शारीरिक दूरी का पालन करते हुए सारी विधि व्यवस्था को मजबूत करते हुए मंदिर खोल देना चाहिए। जिससे सभी खुदा दुकानदारों का भरण पोषण चल सके। दुकानदारों ने सरकार को चेतावनी दी है कि अगर हमारी मांग नहीं मानी गई तो हम लोग उग्र धरना प्रदर्शन आंदोलन करने पर मजबूर होंगे।