

रांची: BJP के नेता बाबूलाल मरांडी ने जनजातीय सलाहकार परिषद (TAC) के गठन को असंवैधानिक और अपूर्ण करार दिया है। उन्होंने कहा कि TAC में भाजपा के सदस्य बैठकों में भाग नहीं लेंगे। सोमवार को पार्टी कार्यालय में आयोजित प्रेसवार्ता में मरांडी ने कहा कि भारत के संविधान की पांचवी अनुसूची का उल्लंघन करते हुए हेमंत सरकार ने TAC का गठन किया है। हेमंत सरकार मनमानी करने पर उतारू है। नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए TAC का गठन किया गया है।


TAC की मूल भावना जनजाति समाज के सर्वांगीण विकास के लिये सरकार को सलाह देना। इसलिये इसके अध्यक्ष का पद जनजाति समाज से ही बनाया जाना चाहिये ना कि पदेन राज्य के मुख्यमंत्री को। परिवर्तित नियमावली में मूल भावना के विपरीत प्रावधान किए गए हैं। उन्होंने कहा कि TAC में महिलाओं को भी स्थान मिलना चाहिए था। साथ ही आदिम जनजाति सदस्य को भी सदस्य बनाना चाहिए था लेकिन इसका ध्यान इसमे नहीं रखा गया है।

उन्होंने कहा कि BJP ने इस संबंध में सलाह देते हुए सरकार से इसकी मांग भी की थी। राज्यपाल के अधिकारों का भी हनन करते हुए TAC का गठन किया गया है। इन विसंगतियों पर पार्टी ने छह जून को राज्यपाल से मुलाकात कर ज्ञापन भी सौंपा है लेकिन सरकार मनमानी करने पर आमादा है। ऐसे में भाजपा TAC के बैठक का भी विरोध करती है। उन्होंने कहा कि उपरोक्त विसंगतियों के कारण पार्टी सदस्यों ने बैठक में शामिल नहीं होने का निर्णय लिया है। जब तक नियमावली में सुधार नहीं होगा, TAC की बैठक में भाजपा के सदस्य शामिल नहीं होंगे।
प्रेसवार्ता के पहले प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश की अध्यक्षता में बैठक हुई। बैठक में टीएसी के संवैधानिक पहलुओं और पार्टी की रणनीति पर महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। बैठक में संगठन मंत्री धर्मपाल सिंह, बाबूलाल मरांडी, नीलकंठ सिंह मुंडा, कोचे मुंडा आदि शामिल थे। प्रेसवार्ता में सांसद समीर उरांव, विधायक कोचे मुंडा, शिवशंकर उरांव, अरुण उरांव एवम अशोक बड़ाईक उपस्थित थे।