रांची।
सरकार के विभिन्न विभागों में सहायक अभियंताओं की नियुक्ति के लिए निकाले गए विज्ञापन को गुरुवार को झारखंड हाई कोर्ट ने रद्द कर दिया है। सहायक अभियंताओं की ये परीक्षा 22 जनवरी से पूरे राज्य में होने वाली थी।
जस्टिस एस.के द्विवेदी की अदालत ने अपने फैसले में कहा है कि झारखंड राज्य के विभिन्न कार्य विभागों में सहायक अभियंता के वर्ष 2019 के पूर्व की नियुक्तियों में आर्थिक रूप से कमजोर लोगों (EWS) को 10 प्रतिशत आरक्षण का लाभ नहीं दिया जा सकता। आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को केंद्र सरकार की ओर से जारी अधिसूचना के बाद की नियुक्ति में ही लाभ दिया जा सकता है।
HC ने अलग-अलग विज्ञापन निकालने का दिया आदेश
HC ने सरकार को 50 फीसदी और और आर्थिक रूप से कमजोर लोगों के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण के लाभ के साथ अलग-अलग विज्ञापन निकालने का आदेश दिया। अदालत ने कहा कि केंद्र सरकार के आर्थिक रुप से पिछड़ों को आरक्षण देने की अधिसूचना के पहले की रिक्तियों में 50 फीसदी आरक्षण का प्रावधान होगा। अधिसूचना के बाद की रिक्तियों में 60 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान किया जा सकता है। अदालत ने सरकार को संशोधित अधियाचना JPSC को भेजने और उसके अनुसार ही JPSC को फिर से विज्ञापन जारी करने की निर्देश दिया है।
दायर की गयी थी याचिका
इस संबंध में रंजीत कुमार सिंह और अन्य ने अदालत में याचिका दायर की थी। याचिका में कहा गया था कि झारखंड सरकार ने अपने विभिन कार्य विभागों (PWD, PHED, REO) में 594 पदों पर सहायक अभियंताओं की नियुक्ति के लिए विज्ञापन निकाला है। विज्ञापन में कहा गया है कि इन नियुक्तियों में 50 प्रतिशत आरक्षण के साथ दस प्रतिशत सीट आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लोगों के लिए हैं। प्रार्थियों का कहना था कि यह नियुक्ति वर्ष 2020 के लिए नहीं है। इस पर सभी लोगों का पक्ष सुनने के बाद 14 दिसंबर को सुनवाई पूरी करने के बाद अदालत ने फैसला सुरक्षित रख लिया था।
नियुक्ति वर्ष 2015 से लेकर 2019 तक के रिक्त पदों के लिए है। केंद्र सरकार ने वर्ष 2019 में आर्थिक रूप से पिछड़ों के लिए दस प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान किया है। इस कारण 2019 के पूर्व की रिक्तियों में 50 प्रतिशत से अधिक आरक्षण का लाभ नहीं दिया जा सकता, क्योंकि उस समय आरक्षण की अधिकतम सीमा 50 फीसदी ही थी।