New Delhi: नीट पीजी काउंसिलिंग (NEET PG counselling ) का रास्ता साफ हो गया है। सुप्रीम कोर्ट(Supreme Court) ने 27 फीसदी OBC आरक्षण को मंजूरी दे दी है। 10 फीसदी EWS आरक्षण भी लागू होगा। जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच ने ये आदेश दिया।
ईडब्ल्यूएस की सीमा 8 लाख रुपए सालाना रखने से जुड़े विवाद पर मार्च के तीसरे हफ्ते में विचार होगा। इस साल के लिए यही आय सीमा मान्य रहेगी। अगर कोई बदलाव होता है, तो वह अगले सत्र से लागू होगा। सुप्रीम कोर्ट ने पिछले 6 जनवरी को फैसला सुरक्षित रख लिया था।
सुनवाई के दौरान वरिष्ठ वकील अरविंद दातार ने कहा था कि 2010 में सिन्हा आयोग ने व्यापक अध्ययन कर रिपोर्ट दी थी। रिपोर्ट में यह यह बताया गया था कि आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के आकलन करने के लिए हर राज्य में अलग पैमाना होना चाहिए। लेकिन मौजूदा सरकार ने पूरे देश में 8 लाख रुपए का मानक तय कर दिया।
वकील श्रीरंग चौधरी ने ओबीसी की पहचान के साथ आर्थिक रूप से कमज़ोर तबके के आकलन में कमियों की बात कही थी। वकील आनंद ग्रोवर ने मांग की थी की ईडब्ल्यूएस के लिए आय सीमा 8 लाख की बजाय 5 लाख रुपए सालाना रखी जाए।
सुनवाई के दौरान फेडरेशन ऑफ रेज़िडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन ने कहा था कि हर साल पीजी में 45 हज़ार नए दाखिले होते हैं। इस साल काउंसिलिंग न होने से जूनियर डॉक्टरों पर काम का बोझ बढ़ गया है। कोर्ट ने इस चिंता पर सहमति जताई। केंद्र की तरफ से सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि 2019 में ही इस तरह के आरक्षण का फैसला लिया गया था। संघ लोक सेवा आयोग समेत कई जगहों पर यह लागू हुआ है। इसका उद्देश्य कमजोर वर्ग का उत्थान है।