नई दिल्ली: देश में कोरोना से बिगड़े हालात के बाद केंद्र सरकार ने फैसला किया है कि UK भेजने के लिए रखी गईं कोवीशील्ड वैक्सीन की 50 लाख खुराक अब एक्सपोर्ट नहीं की जाएंगी। इसकी बजाय ये टीके देश में ही 18 से 44 साल उम्र के लोगों के लिए शुरू हुए वैक्सीनेशन प्रोग्राम में इस्तेमाल किए जाएंगे।
पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया में कोवीशील्ड बनाई जा रही है। सीरम इंस्टीट्यूट के गवर्नमेंट एंड रेगुलेटरी अफेयर्स डायरेक्टर प्रकाश कुमार सिंह ने हाल ही में केंद्र सरकार को एक चिट्ठी लिखकर वैक्सीन UK नहीं भेजने की इजाजत मांगी थी। केंद्र सरकार ने इसकी इजाजत देते हुए इन टीकों को अब राज्यों को मुहैया कराने का फैसला किया है।
लेबल पर एस्ट्राजेनेका लिखा होगा
ये वैक्सीन एक्सपोर्ट करने के लिए रखी गई थी, इसलिए इन पर कोवीशील्ड की बजाय ‘कोविड-19 वैक्सीन एस्ट्राजेनेका’ का लेबल लगा होगा। अब सरकार ने राज्यों से कहा है कि वे सीधे कंपनी से संपर्क करें और डोज खरीदने की प्रक्रिया शुरू करें।
सीरम का UK से समझौता हुआ था
सीरम इंस्टीट्यूट ने इससे पहले 23 मार्च को सरकार से 50 लाख डोज UK भेजने की इजाजत मांगी थी। तब सीरम इंस्टीट्यूट का कहना था कि उसका एस्ट्राजेनेका के साथ एग्रीमेंट है। इसलिए ये डोज भेजना जरूरी है और देश में हो रही सप्लाई में खलल नहीं आने देगा।
21 राज्यों में भेजी जाएगी खुराक
UK के लिए रखी गई जो 50 लाख डोज अब देश में इस्तेमाल होंगी, उन्हें 21 राज्यों को भेजा जाएगा। कुछ राज्यों को 3.5-3.5 लाख डोज मिलेंगी। कुछ राज्यों को एक-एक लाख डोज मिलेंगी। दो राज्यों को 50-50 हजार डोज भेजी जाएंगी। सरकार ने राज्यों में कोरोना के मामलों को देखते हुए वहां भेजी जाने वाली खुराक की मात्रा तय की है। कोवीशील्ड 70% तक असरदार है। सरकार ने मई, जून और जुलाई के लिए कोवीशील्ड के 11 करोड़ डोज का ऑर्डर दिया है।