हैदराबाद: प्यार के चक्कर में पाकिस्तान में फंसा हैदाराबाद का सॉफ्टवेयर इंजीनियर तेलंगाना और भारत सरकार की मदद से आज चार साल बाद हैदाराबाद पहुंचा गया है. पाकिस्तान ने कल अटारी बॉर्डर के पास साइबराबाद के माधापुर पुलिस को सौंपा था.
साइबराबाद पुलिस के अनुसार प्रशांत वेंडम एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर है, वो स्विट्जरलैंड जाना चाहता था, मगर उसके पास रुपयों की कमी थी, इसीलिए किसी भी हालत में चलते हुए स्विट्जरलैंड पहुंचना चाहता था. प्रशांत अपने प्लान के मुताबिक 11 अप्रैल 2017 को ट्रेन पकड़कर राजस्थान के बीकानेर पहुंचा, भारत-पाकिस्तान के सीमा पर जाकर तारों की बाढ़ फांद कर पाकिस्तान में प्रवेश किया और गैरकानूनी तरीके से पाकिस्तान में घुसने के आरोप में हिरासत में ले लिया गया. चार साल बाद 31 मई 2021 को भारत-पाकिस्तान के अटारी बॉर्डर के पास माधापुर पुलिस को सौंपा गया.
हैदाराबाद का सॉफ्टवेयर इंजीनियर प्रशांत 11 अप्रैल, 2017 को गायब हो गया था, काफी तलाशी और कई दिनों के इंतेजार के बाद उसके परिजनों ने 29 अप्रैल 2017 को माधापुर पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई थी. माधापुर पुलिस ने भी काफी तलाशी की, उनको भी कोई सुराग नहीं मिला. अचानक उनके परिजनों को खबर मिली कि वह पाकिस्तान में फंसा हुआ है और पुलिस की हिरासत में है. खबर सुनकर परिजन आश्चर्य हो गए, प्रशांत पाकिस्तान कैसे पहुंच गया. वह गैरकानूनी तरीके से भारत-पाकिस्तान की सीमा पार किया था.
बताया जा रहा है कि प्रशांत ने पाकिस्तान से अफगानिस्तान फिर तजाकिस्तान और वहां से स्विजरलैंड जाने का प्लान बनाया था लेकिन वो पहले ही पड़ाव पाकिस्तान फौजियों के हत्थे चढ़ गया जिसके बाद उसे जेल में डाल दिया गया. पुलिस मामले की छानबीन शुरू करती कि इससे पहले ही प्रशांत का एक वीडियो सामने आया. इस वीडियो में प्रशांत ने बताया कि वो अपनी गर्लफ्रेंड से मिलने स्विजरलैंड के लिए निकला था लेकिन पाकिस्तान फौजियों ने उसे पकड़ लिया और अब वो लाहौर जेल में है. वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुआ. वहीं परिजनों ने मामले में केंद्र सरकार से मदद मांगी.
प्रशांत की परिजनों ने साइबराबाद पुलिस कमिश्नर, तेलंगाना सरकार और भारत सरकार से प्रशांत को भारत वापस लाने के लिए मदद मांगी. तेलंगाना सरकार, विदेश मंत्रालय, गृह मंत्रालय और भारत सरकार की लगातार कोशिश के बाद 31 मई को पाकिस्तान ने प्रशांत को छोड़ा और अट्टारी बॉर्डर पर माधापुर पुलिस को सौंपा.