Deoghar: देवघर बाबा बैद्यनाथ मंदिर में महाशिवरात्रि पर कई ऐसी अनोखी परंपरा है, जो इसे अन्य मंदिरों से भिन्न करती है। शिवरात्रि के ठीक दो दिन पहले साल में एक बार बाबा मंदिर और पार्वती मंदिर के शीर्ष पर स्थित पंचशूल को विधिवत उतारा जाता है। इस अलौकिक क्षण के गवाह बनने हजारों भक्तों की भीड़ उमड़ी।
शिवरात्रि के दो दिन पहले, गुरुवार को सबसे पहले दोनों मुख्य मंदिरो का गठबंधन उतारा गया। इसके बाद कोई भी भक्त गठबंधन नहीं कर सकेंगे। दूसरी तरफ भोलेनाथ और माता पार्वती मंदिर के शीर्ष के पंचशूल को उतारा गया और दोनों का मिलन कराया गया। इसके पूर्व अन्य सभी मंदिरों के पंचशूल को उतार कर उसकी सफाई की जा चुकी है।
इस पंचशूल के स्पर्श के लिए भक्तों का हुजूम उमड़ पड़ा। ये अनूठी परंपरा हजारों साल पुरानी है। शुक्रवार को इस पंचशूल को सरदार पंडा द्वारा विशेष पूजा के बाद सभी मंदिर के शिखर लगाया जाएगा। सरकारी गठबंधन करने के बाद ही अन्य भक्त गठबंधन करा सकेंगे। ये एक अलोकिक दृश्य और परम्परा है जो सिर्फ बैद्यनाथ धाम मंदिर में ही देखने को मिलता है।
पूरे साल में सिर्फ शिवरात्रि के दो दिन पूर्व पंचशूल को सफाई के लिए उतारा जाता है और शिवरात्रि के एक दिन पहले पंचशूल की विशेष पूजा कर उसे पुनः शिखर पर लगाया जाता है।