By: Nitish Priyadarshi
कुछ दिन पहले मेरे मित्र संजय बोस ने एक घटना की जानकारी मुझे दी। जो उनके साथ रांची-टाटा रोड में तैमारा घाटी में घटी। संजय बोस का कहना था कि रांची टाटा रोड में रामपुर से बुंडू रोड में उन्हें एक फ़ोन आया। वो कार चला रहे थे, इसलिए कॉल नहीं उठाये। ये घटना 11 जनवरी 2022 की है। जब वो दोबारा फ़ोन करने के लिए फ़ोन को ऑन किये तो तारीख देख के चौंक गए। उसमे तारीख था अगस्त 17, 2023 और समय था शाम का 3:36 यानि ढेड़ साल आगे के समय से ये फ़ोन आया।
उसके बाद जितने भी कॉल आये उसमे तारीख सही थी। बस उसी कॉल की तारीख 2023 की थी। आज भी मिस्ड कॉल में वो नंबर सब से ऊपर ही रहता है। ऐसी घटना सिर्फ उनके साथ नहीं हुई। एक और मित्र के साथ भी हुई।
दूसरी घटना दो दिन पहले की है, जब एक NGO में काम करने कमल किशोर सिंह ने मुझे सुनाई। उसका कहना था जब वो बुंडू टोल ब्रिज पार कर के रात को 8 बजे रांची आ रहे थे तो तैमारा घाटी में उनके फोन पर एक मैसेज आया कि मोबाइल के समय और तारीख को ठीक कीजिए। वो मैसेज देख के चौंक गए। तारीख था 25 जनवरी 2024 और समय था सुबह का 9: 06 मिनट। यहाँ भी लगभग डेढ़ साल का अंतर। ये गड़बड़ी सिर्फ दो मिनट तक रही फिर समय और तारीख अपने आप ठीक हो गई। जब तक और लोग अपना फ़ोन चेक करते वो स्पॉट पार कर चुके थे।
ये भी पता चला जहाँ पर ये घटना हुई वहां की स्ट्रीट लाइट हमेशा flicker यानि कांपती है। इनलोगों की कार की स्पीड भी ज्यादा नहीं थी। अगर हमलोग ये मान भी लें कि ये फ़ोन की गड़बड़ी थी तो ये हर जगह होनी चाहिए सिर्फ उसी स्पॉट पर क्यों?
क्या वहां कोई चुम्बकीय विकिरण है जो मोबाइल को प्रभावित करती है ? या फिर कोई काल और समय का मामला है ? इसको आप ऐसे भी समझ सकते हैं कि आप कई नए जगह पर गए हों तो आपको लगेगा कि जैसे इस स्थान पर पहले भी आ चुके हैं। या किसी नए व्यक्ति से आप मिलते हों तो आपको लगेगा कि आप पहले भी उससे मिल चुके हैं।
काल और समय के रहस्य पर आज भी शोध हो रहा है। वैसे भी तैमारा घाटी के रहस्य पर बहुत सारी कहानियाँ social websites पर मौजूद है। मैंने उनलोगो को सलाह दी है कि फ़ोन पर आये हुए तारीख को कहीं लिख ले और आने वाले उस समय में क्या होता उसके होने का इंतज़ार करें।