देवघर।
गोड्डा सांसद डाॅ0 निशिकांत दुबे शनिवार को बाबा बैद्यनाथ मंदिर तो पहुंचे, लेकिन बाबा की पूजा-अर्चना नहीं की. बल्कि मां काली का आशीर्वाद लेकर ही लौट गये.
दरअसल, सांसद डाॅ0 निशिकांत दुबे महाशिवरात्रि के दिन बाबा मंदिर प्रांगण में उनके व उनके परिवार के साथ हुए दुर्व्यवहार से दुःखी हैं. प्रेस कांफ्रेंस कर निशिकांत दुबे ने कहा कि निकास द्वार से कई लोग प्रवेश करते ही करते हैं, शनिवार को भी बिहार के एक पूर्व सांसद पप्पू यादव पूरे लाव-लश्कर के साथ निकास द्वार से ही बाबा का पूजा करने गये. लेकिन, उन्हें रोकने वाला कोई भी नहीं था. न प्रशासन और न ही पंडा धर्मरक्षिणी का कोई पदाधिकारी. जबकि, महाशिवरात्रि के दिन भीड़ ज्यादा होने के कारण और प्रशासन की अनुमति के बाद अपने बुजूर्ग मां-बाप को निकास द्वार से बाबा की पूजा कराने पर मुझे रोका गया. इतना ही नहीं मंदिर प्रांगण में मेरे परिवार के साथ दुव्र्यवहार भी किया गया. क्या प्रशासन और पंडा धर्मरक्षिणी को हमारे मां-पिता से ही परेशानी है! सांसद ने कहा कि इस बात को लेकर निर्णय हो जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि अगर निर्णय नहीं हुआ तो एक माह के अंदर मंदिर ट्रस्ट से इस्तीफा दे दुंगा.
निशिकांत दुबे ने कहा कि मंदिर में सभी के लिए एक नियम लागू हो, इसकी लड़ाई लडुंगा. वहीं, उन्होंने ये भी कहा कि यहां के कई लोग हर रोज बाबा की पूजा अर्चना करते हैं, उनके लिए श्रावणी मेला या अन्य विशेष दिनों में विशेष व्यवस्था होनी चाहिए.