देवघर।
इंसान अपने कर्मो से अपने जीवन की राह बनाता है। अपने कर्मो से दूसरे के राह को भी आसान करता है। कुछ ऐसे ही है देवघर के निवासी प्रिन्स सिंघल। उनको सामाजिक कार्यों के लिए नोएडा में आज रेक्स कर्मवीर चक्र से सम्मानित किया गया।
प्रिन्स ने अपनी प्रारम्भिक शिक्षा महाराज अग्रसेन पब्लिक स्कूल, महम (रोहतक, हरियाणा) और सेंट जेवियर्स हाई स्कूल, रायगढ़ा (ओडिशा) से की। हाई स्कूल की पढ़ाई उन्होंने कालका पब्लिक स्कूल, न्यू दिल्ली से की और इंजीनियरिंग की पढ़ाई बिरला इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड साइंस (बिट्स, पिलानी) से की। प्रिन्स से शुरू से ही सामाजिक कार्यों में रुचि रखी। उन्होंने स्कूल से ही कम्युनल हार्मनी के बैनर के अन्तर्गत कार्य किया और कॉलेज में राष्ट्रीय सेवा संघ और निर्माण ऑर्गनाइजेशन के एक्टिव मेंबर रहे और कॉलेज का नाम रोशन किया। कॉलेज के बाद भी उन्होंने सामाजिक संस्थाओं में बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया । पहले वह बंगलौर में onlinerti के साथ काम कर लोगो को सरकारी योजनाओं के बारे में जागरूक करने में और सरकार को ट्रांसपेरेंट बनाने में अपनी भागीदारी निभाई। उसके बाद मुंबई ने अवनति के साथ गरीब बच्चो को क्वालिटी एजुकेशन पहुंचने के लिए काम किया। मुंबई में काम करते हुए उन्हें महसूस हुआ कि मुंबई में तो काफी लोग है जो सामाजिक कार्य कर रहे है । तब उन्होंने बिहार झारखंड के पिछड़े इलाकों में आने की सोची और यहां के गांवों को सभ्य बनाने के लिए कार्य करने की ठानी।
भाग्यवश उसी समय प्रिन्स का चयन देश के उन गिने चुने अती प्रतिभाशाली युवा ग्रुप में हुआ जिनको कॉन्स्टिट्यूशन क्लब ऑफ इंडिया द्वारा सांसद के साथ स्पार्क फेलो के रूप में काम करने का सुनहरा अवसर प्राप्त हुआ। फेलोशिप के तहत प्रिन्स को गोड्डा सांसद निशिकांत दुबे के साथ अटैच किया गया। प्रिन्स ने सांसद के साथ लोकसभा क्षेत्र को विकसित करने के लिए गांवों में अनेक काम किए।
हुए कर्मवीर चक्र से सम्मानित
प्रिन्स को सामाजिक कल्याण में दिए गए महत्वपूर्ण योगदान के लिए इस साल नोएडा में आयोजित रेक्स कॉन्क्लेव में रेक्स कर्मवीर ग्लोबल फेलोशिप और रेक्स कर्मवीर चक्र से सम्मानित किया गया। प्रिंस बताते है कि रेक्स कॉन्क्लेव हर वर्ष आयोजित किया जाता है। इसमें देश विदेश के उन लोगो को सम्मानित किया जाता है, जिन्होंने समाज में एक अनोखी मिसाल रखी हैं। झारखंड में इकलौता प्रतिनिधित्व था, जिसे इस पुरस्कार से इस वर्ष सम्मानित किया गया।
मिले है कई पुरस्कार
प्रिन्स को इससे पहले भी अनेक राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है। अगस्त में उनको भारत सरकार ने राष्ट्रीय युवा पुरस्कार से सम्मानित किया था। पिछले महीने उनको राष्ट्रीय गौरव सम्मान से नवाजा गया। इससे पहले उनको ताइवान से ग्लोबल इंजीनियरिंग लीडरशिप स्कॉलरशिप, इंस्टीट्यूट ऑफ इंटरनेशनल एजुकेशन से स्पिरिट ऑफ इन्वेंशन अवॉर्ड और भारत सरकार से इंस्पायर अवॉर्ड मिले है।
सफलता परिवार के कारण:प्रिंस
अपनी सफलता का श्रेय प्रिंस अपने परिवार और अभिभावक को देते है, जिनका सहयोग हमेशा बरकरार रहा। अपने अभिभावक के बारे में प्रिन्स बताते है, आसमान को छूने वाले बच्चो के पीछे उनके मां – बाप का बहुत ही महत्वपूर्ण योगदान होता है। प्रिन्स अपने मां बाप, भाई बहन के शुक्रगुजार है, जिन्होंने हमेशा अच्छी परवरिश दी। प्रिन्स कहते है की उनको हमेशा ही आजादी मिली और परिवार से कभी किसी बात को रोक नहीं थी, जो मन में आया वह करते थे। प्रिन्स आगे भी ऐसे ही समाज कल्याण के कार्यों में आगे बढ़ना चाहते है।