Ranchi: 11 अप्रैल को रांची में हुए सचिवालय मार्च मामले में सांसद निशिकांत दुबे को झारखंड हाईकोर्ट से शुक्रवार को राहत मिली है। हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति एसके द्विवेदी की कोर्ट ने प्रार्थी निशिकांत दुबे के खिलाफ पीड़क कार्रवाई पर रोक लगाई है। प्रार्थी निशिकांत की ओर से उनके खिलाफ धुर्वा थाने में दर्ज प्राथमिकी को निरस्त करने का आग्रह कोर्ट से किया गया है। कोर्ट ने मामले की सुनवाई 12 जुलाई निर्धारित की है। प्रार्थी की ओर से अधिवक्ता प्रशांत पल्लव और पार्थ जालान ने पैरवी की।
दरअसल, 11 अप्रैल को रांची में भाजपा की ओर से खनिज समृद्ध राज्य में बिगड़ती कानून व्यवस्था, मौजूदा भ्रष्टाचार और बेरोजगारी की उच्च दर के विरोध में इस मार्च का आयोजन किया गया था। कार्यक्रम के तहत सचिवालय की ओर मार्च कर रहे भाजपा कार्यकर्ताओं की पुलिस के साथ झड़प हो गई थी। मामले को लेकर धुर्वा थाना में कांड संख्या 107/ 2023 दर्ज किया गया था। इसमें सांसद निशिकांत दुबे के अलावा पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी और रघुबर दास, केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा, चतरा सांसद सुनील कुमार सिंह, विधायक अमित मंडल, समीर उरांव सहित 41 नामजद एवं कई अज्ञात लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी।
पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए आंसू गैस, वाटर कैनन का इस्तेमाल किया था और लाठीचार्ज भी किया था। उस दौरान क्षेत्र में सीआरपीसी की धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू की गई थी। सचिवालय तक मार्च पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी और रघुबर दास, केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा और अन्नपूर्णा देवी और राज्य के पार्टी सांसदों के नेतृत्व में शुरू हुआ था।
पुलिस के मुताबिक पार्टी कार्यकर्ताओं के एक समूह ने बोतलें और पत्थर फेंके, जिससे कुछ पुलिसकर्मी और मीडियाकर्मी घायल हो गए थे। भाजपा कार्यकर्ताओ ने पुलिस बैरिकेड तोड़कर बलपूर्वक आगे बढ़ने की कोशिश की थी, जिसपर पुलिस ने लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले छोड़े थे।