Ranchi: गोड्डा सांसद डॉ निशिकांत दुबे (Godda MP Nishikant Dubey) की तरफ से मसानजोर डैम (Masanjor Dam) को लेकर झारखंड हाइकोर्ट (Jharkhand High Court) में दायर जनहित याचिका पर आज सुनवाई हुई।
सुनवाई के दौरान HC की खंडपीठ ने मामले को लेकर राज्य सरकार के रवैए पर नाराज़गी जताते हुए कहा है कि, राज्य सरकार इस मामले पर क्या कुछ कदम उठा रही है इसकी जानकारी कोर्ट को उपलब्ध कराए। साथ ही मामले के समाधान को लेकर राज्य सरकार कितनी गम्भीर है इसकी भी जानकारी दें, तबतक के लिए याचिका को पेंडिंग रखा जा सकता है। लेकिन, स्थगित नहीं की जा सकती।
आपको बता दें कि, उच्च न्यायालय की खण्डपीठ में वर्चुअल सुनवाई के दौरान सेक्रेटरी वाटर रिसोर्स और दुमका डिवीजन के इरीगेशन विभाग के इंजीनियर उपस्थित रहे। सुनवाई के दौरान खंडपीठ ने कहा कि, अगर पानी के विवाद को लेकर राज्य सरकार केंद्र से शिकायत करती है ऐसी परिस्थिति में केंद्र मामले को ट्रिब्यूनल में ले जा सकती है। इतना ही नहीं 15 दिसंबर तक के लिए मामले की सुनवाई को स्थगित करते हुए उच्च न्यायालय ने मसानजोर डैम में बने झारखंड सरकार के सर्किट हाउस की मरम्मत कर उसे रहने लायक बनाने की भी बात कही है।
आपको बता दें कि, दुमका स्थित मसानजोर डैम से न तो प्रॉपर पानी ही मिल रही है और न ही वहां से उत्पादन होने वाली 4 मेगावाट बिजली की सप्लाई की जा रही, जिसे लेकर गोड्डा सांसद निशिकांत दुबे ने मामले में एक जनहित याचिका दायर कर राज्य सरकार से स्थिति स्पष्ट करने की मांग की थी। जिसपर सुनवाई करते हुए झारखंड उच्च न्यायालय की खंडपीठ ने राज्य सरकार के रवैये पर नाराजगी जताई है।