Godda : काफी इन्तजार और उहापोह के बाद मंगलवार को कांग्रेस आलाकमान द्वारा तीन लोकसभा धनबाद,चतरा और गोड्डा सीटों के लिए अपनी उम्मीदवारों की घोषणा कर दी गयी. लेकिन गोड्डा लोकसभा क्षेत्र में वर्तमान में महागामा विधानसभा से कांग्रेस विधायक दीपिका पाण्डेय सिंह के नाम की घोषणा के बाद बुधवार को स्थानीय गोड्डा के कांग्रेस कार्यालय में प्रदीप यादव के गुट द्वारा काफी हंगामा किया गया. कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर मुर्दाबाद के जमकर लगाए गए नारे.
तीन उम्मीदवारों की शुरू से दावेदारी रहीं
गोड्डा लोकसभा सीट शुरू से ही हॉट सीट रही है .यहाँ से भाजपा के तीन बार के सांसद निशिकांत दुबे को भाजपा ने चौथी बार भी टिकट देकर मैदान में उतारा है. वहीँ निशिकांत के विरोध में इंडिया गठबंधन में कांग्रेस से ही तीन तीन प्रबल दावेदार नजर आ रहे थे. जिनमे पोडैयाहाट से पांच बार के विधायक प्रदीप यादव ,महागामा से पहली बार कांग्रेस की टिकट पर विधायक बनी दीपिका पाण्डेय सिंह और पूर्व वरिष्ठ कांग्रेस सांसद फुरकान अंसारी के नाम शामिल हैं.
इन तीनों में विधायक प्रदीप यादव ने पूर्व में भी निशिकांत के खिलाफ लोकसभा चुनाव लड़ा था मगर कामयाब नही हो पाए थे. हालंकि इससे पूर्व उन्होंने झाविमो से चुनाव लड़ा था ,मगर इस बार कांग्रेस से भाग्य आजमाना चाह रहे थे. दूसरी तरफ दीपिका पाण्डेय सिंह शुरू से ही कांग्रेस का अभिन्न अंग रही थी .
युवा कांग्रेस की राष्ट्रिय नेतृत्व के अलावे कई विधानसभा और लोकसभा चुनावों में अन्य राज्यों में चुनाव प्रभारी जैसी जिम्मेदारियां निभा चुकी हैं. तो जाहिर सी बात है प्रदीप यादव से ज्यादा रसूख कांग्रेस में जरुर रखती हैं दीपिका पाण्डेय .इन दोनों के अलावे वरिष्ठ कांग्रेसी नेता तथा यहाँ से पूर्व सांसद फुरकान अंसारी जो जामताड़ा विधायक इरफ़ान अंसारी के पिता हैं ,ने भी कांग्रेस के प्रति अपनी निष्ठा के बदले आखिरी बार चुनाव लड़ने की इक्षा जाहिर की थी .मगर आलाकामन द्वारा दीपिका के नाम पर फैसला लिया गया.
प्रदीप के समर्थकों ने जमकर किया हंगामा
बुधवार की सुबह जिला मुख्यालय स्थित कांग्रेस कार्यालय में प्रदीप यादव के समर्थकों द्वारा जमकर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर के खिलाफ भाजपा के एजेंट की तरह काम कर दीपिका को टिकट देने का काम करने का आरोप लगाते हुए जमकर हंगामा किया गया.
प्रदीप के समर्थकों का आरोप था कि प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने निशिकांत दुबे से पैसे लेकर दीपिका को उम्मीदवार बनाने का काम किया है. हाथों में तख्ती लेकर केन्द्रीय नेतृत्व को इस सीट पर पुनर्विचार करने के नारे लगाए.
निशिकांत दुबे की राह हो जायेगी आसान
बहरहाल आज की घटना से जिस तरह से कांग्रेस के अंदरखाने का विरोध खुलकर सामने आया है. ऐसे में ये जरुर कहा जा सकता है कि अगर यही स्थिति बनी रही तो निशिकांत दुबे के लिए चुनाव ज्यादा मुश्किल नही रहेगी.