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Jharkhand के छह जिलों के लिए आठ सालों से आतंक बना गैंगस्टर अमन श्रीवास्तव मुंबई में गिरफ्तार

पिछले आठ साल से अज्ञात ठिकाने से झारखंड में बड़ा आपराधिक गैंग ऑपरेट करने वाले गैंगस्टर अमन श्रीवास्तव को मुंबई में गिरफ्तार कर लिया गया है।

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Ranchi: पिछले आठ साल से अज्ञात ठिकाने से झारखंड में बड़ा आपराधिक गैंग ऑपरेट करने वाले गैंगस्टर अमन श्रीवास्तव को मुंबई में गिरफ्तार कर लिया गया है। उसे झारखंड और महाराष्ट्र की एंटी टेररिस्ट स्क्वॉड के ज्वायंट ऑपरेशन के दोरान पकड़ा गया है। उसे आज मुंबई कोर्ट में पेश किया जा रहा है। इसके बाद उसे रांची लाया जाएगा। झारखंड के डीजीपी अजय सिंह ने खुद प्रेस कांफ्रेंस में यह जानकारी दी। 

अमन का गिरोह झारखंड के पांच-छह जिलों से हर महीने करोड़ों की रंगदारी वसूलता रहा है और वह राज्य की पुलिस के लिए एक बड़ी चुनौती बना हुआ था। कोयला, पत्थर, बॉक्साइट माइनिंग से लेकर ट्रांसपोटिर्ंग, टेंडर, कन्स्ट्रक्शन तक से जुड़े कारोबारियों और कंपनियों के बीच अमन श्रीवास्तव का टेरर कायम रहा है। मर्डर, आगजनी, गोलीबारी और गैंगवार की सैकड़ों वारदात उसके गिरोह के अंजाम दिए हैं। यह गिरोह बड़े पैमाने पर आर्म्स की सप्लाई भी करता रहा है।

पुलिस ने पिछले आठ सालों में अमन श्रीवास्तव के दर्जनों गुर्गों को गिरफ्तार किया, लेकिन उसके ठिकाने तक पुलिस कभी पहुंच नहीं पाती थी। उसके कभी महाराष्ट्र, कभी कर्नाटक, कभी आंध्रप्रदेश तो कभी मध्य प्रदेश में होने की सूचना जरूर मिलती थी। उसकी गिरफ्तारी को झारखंड पुलिस के लिए बड़ी कामयाबी माना जा रहा है।

झारखंड पुलिस के एटीएस थाना में 17 जनवरी 2022 को अमन श्रीवास्तव गिरोह के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी। इसमें अमन श्रीवास्तव सहित 15 लोग आरोपी बनाए गए थे। इनमें अमन श्रीवास्तव का भाई अभिक श्रीवास्तव, बहनोई चंद्रप्रकाश राणू, बहन मंजरी श्रीवास्तव, चचेरे भाई प्रिंसराज श्रीवास्तव, सहयोगी विनोद कुमार पांडेय, जहीर अंसारी, फिरोज खान उर्फ साना खान, मजमूद उर्फ नेपाली, असलम, सिद्धार्थ साहू आदि शामिल हैं।

अमन श्रीवास्तव के गिरोह ने मुख्य तौर पर रामगढ़-हजारीबाग कोयलांचल, चतरा, लोहरदगा और लातेहार जिलों में अपना नेटवर्क बना रखा है। गिरोह के गुर्गे कारोबारियों, माइनिंग करने वालों, ठेकेदारों की लिस्ट बनाकर उनसे नियमित तौर पर रंगदारी वसूलते रहे हैं। जो लोग उसकी हिटलिस्ट में हैं, उन्हें पता है कि अमन श्रीवास्तव गैंग की ओर से की गई डिमांड पर ना करने का अंजाम खतरनाक होता है।

आगजनी, गोलीबारी, हत्या की अनगिनत वारदात की जिम्मेदारी अमन के गिरोह ने खुद ली है। पुलिस ने अमन श्रीवास्तव के खिलाफ रांची, रामगढ़, लोहरदगा, हजारीबाग और लातेहार जिले के अलग-अलग थानों में 23 मामले दर्ज कर रखे हैं। हालांकि उसके गिरोह ने सैकड़ों वारदात अंजाम दी है, लेकिन इनमें से ज्यादातर मामले अनरिपोर्टेड रहे हैं।

एटीएस ने चार्जशीट में बताया है कि अमन श्रीवास्तव गैंग के अपराधी रंगदारी व लेवी से पैसे जुटाते थे और उससे हथियार खरीदकर आतंक कायम करने के लिए गोली-बारी व आगजनी कर व्यवसायियों-ठेकेदारों में खौफ कायम करते थे। अमन श्रीवास्तव खुद सीधे तौर कभी भी न तो कोई कांड करता है और न ही लेवी ही वसूलता है।

वह अपने गुर्गों-सहयोगियों के माध्यम से दहशत फैलाने के लिए गोलीबारी व आगजनी की घटना को अंजाम दिलाता था। रंगदारी के रूप में मिलने वाली राशि भी वह स्वयं नहीं लेता था। हवाला के माध्यम से अपने रिश्तेदारों तक लेवी की राशि मंगवाता था।

अमन के पिता सुशील श्रीवास्तव कोयलांचल के बड़े गैंगस्टर थे। रंगदारी का नेटवर्क उसी ने डेवलप किया था। वह हत्या के एक मामले में जेल में आजीवन कारावास काट रहा था और 2 जून 2015 को हजारीबाग कोर्ट परिसर में उसकी हत्या कर दी गई थी।

इसके बाद सुशील के बड़े बेटे अमन श्रीवास्तव ने गिरोह की कमान संभाल ली थी। सुशील श्रीवास्तव की हत्या का आरोप दूसरे गैंगस्टर किशोर पांडेय के गैंग पर लगा था। इसके बाद अमन के इशारे पर 26 अक्तूबर 2016 को किशोर पांडेय के बुजुर्ग पिता कामेश्वर पांडेय की हत्या पतरातू में कर दी गयी थी। हत्याकांड के बाद अमन श्रीवास्तव ने इस वारदात की जिम्मेदारी ली थी। (Input-IANS)

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