Ranchi: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के प्रधान सचिव रहे सीनियर आईएएस राजीव अरुण एक्का से जुड़ा विवादास्पद वीडियो क्लिप वायरल होने के बाद उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग जोर पकड़ने लगी है। झारखंड प्रदेश भाजपा के एक प्रतिनिधिमंडल ने सोमवार शाम इस मुद्दे को लेकर राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन से मुलाकात की और उन्हें ज्ञापन सौंपकर एक्का को निलंबित करने और उनके खिलाफ सीबीआई जांच कराने की मांग की है।
भाजपा का दावा है कि 22 सेकेंड का जो वीडियो क्लिप वायरल हुआ है, उसमें मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का एक पावर ब्रोकर विशाल चौधरी के निजी दफ्तर में बैठकर सरकारी फाइल निपटा रहे हैं। इस वीडियो में वहां मौजूद एक व्यक्ति पैसे की लेनदेन की भी चर्चा कर रहा है। वीडियो में उसकी बात साफ सुनी जा सकती है। इस वीडियो में आईएएस राजीव अरुण एक्का के बगल में एक महिला खड़ी होकर फाइल पलट रही है। यह महिला विशाल चौधरी की स्टाफ बताई जा रही है।
रविवार को वीडियो क्लिप सामने आने के बाद राज्य सरकार ने देर शाम एक नोटिफिकेशन जारी कर उन्हें मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव पद से हटा दिया था। एक्का गृह विभाग और सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के भी प्रधान सचिव थे। उन्हें इन पदों से भी हटाते हुए अब पंचायती राज विभाग का प्रधान सचिव बनाया गया है।
सोमवार को इस मुद्दे से राज्यपाल से मिलने पहुंचे भाजपा के प्रतिनिधिमंडल में पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सह सांसद दीपक प्रकाश, भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी, राज्यसभा सांसद आदित्य साहू, पूर्व भाजपा प्रदेश अध्यक्ष दिनेशानंद गोस्वामी, विधायक सीपी सिंह, विधायक समरी लाल एवं अन्य नेता शामिल थे।
राज्यपाल से मुलाकात के बाद भाजपा प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश ने कहा कि सरकार आरोपी अधिकारी को सजा देने के बजाय बचाने का प्रयास कर रही है। जब इस तरह के करप्शन के मामले सामने आते हैं या सरकार की गोपनीयता भंग होने की बात सामने आती है तो आरोपी अधिकारी को तत्काल निलंबित करना चाहिए। सरकार निलंबित करने के बजाय उनका स्थानांतरण कर रही है। इसका सीधा मतलब है कि सरकार आरोपी को बचाना चाह रही है।
बाबूलाल मरांडी ने कहा कि राजीव अरुण एक्का का तबादला कोई सजा नहीं है। सीएम उन्हें तत्काल निलंबित करें। उन्होंने कहा कि गृह विभाग जैसे संवेदनशील एवं राज्य देश के अति गोपनीय जानकारी रखने वाले विभाग की फाइल दलाल के यहां ले जाना बेहद ही गंभीर, चिंतनीय और शर्मनाक है। इस गंभीर मामले में ऑफिशियल सीक्रेट एक्ट, पद का दुरुपयोग करने के आरोपी पर विभिन्न धाराओं में मुकदमा होना चाहिए। इसलिए हमने राज्यपाल से इस मामले में तत्काल कार्रवाई और सीबीआई जांच की मांग की है।