Deoghar: गुरुवार को देवघर प्रखंड क्षेत्र के छोटा मानिकपुर गांव के आदिवासी समुदाय के रैयतों का विरोध देख जमीन पर काम कर रहे कर्मचारी भाग खड़े हुए। आरोप है कि रैयतो की जमीन उद्यमी की ओर से जबरन घेरने की कोशिश की जा रही है।
जमीन की समतलीकरण को लेकर जेसीबी से काम किया जा रहा था। जिसे ग्रामीणों के विरोध के बाद काम करा रहे कर्मचारियो ने काम बंद कर दिया। विस्थापित ग्रामीणों ने बताया कि बीते 1970 के दशक में सरकार की ओर से उद्योग लगाने के लिए कुछ जमीन का अधिग्रहण किया गया था। जिसमे कई अधिग्रहित जमीन का मुआवजा आजतक नही दिया गया है। वही जियाडा की ओर से अधिग्रहित जमीन से अधिक उद्यमी क्षेत्र का घेराबंदी करने में जुटे है। समतलीकरण करा रहे उद्यमी के सहयोगी से ग्रामीणो ने कागजात की मांग की तो कोई कागजात नहीं दिखाया गया।
ग्रामीणो का आरोप है कि फर्टिलाइजर कंपनी इफको को जियाडा की ओर से दस एकड जमीन दी गई है। जबकि कंपनी के कर्मचारी की ओर से लगभग बीस एकड जमीन की घेराबंदी की जा रही है। इसको लेकर विस्थापित परिवार ने पूर्व में मुख्यमंत्री को आवेदन देकर कार्रवाई की मांग की थी। लेकिन किसी प्रकार की सुनवाई नही हुई है। जिससे विस्थापितो के बीच आक्रोश व्याप्त है।
ग्रामीणो ने बताया कि अगर जिला प्रशासन की ओर से जबरन काम कराने की कोशिश की गई तो सभी विस्थापित परिवार भूख हड़ताल करने को मजबूर हो जाऐंगे ।