Ranchi: बिहार और झारखंड का बंटवारा 15 नवंबर, 2000 को हुआ था। बिहार को बांटकर झारखंड राज्य का निर्माण कराया गया था। झारखंड राज्य के अस्तित्व में आने के 21 वर्ष बाद भी कुछ मुद्दों पर दोनों राज्यों के बीच विवाद है। इनमें से एक टीवीएनएल के मुद्दे (TVNL dispute) पर चले आ रहे विवाद का अंत हो गया है।
इस विवाद की समाप्ति के साथ ही टीवीएनएल पर अब झारखंड सरकार का अधिकार होगा। जल्द ही बिहार सरकार की ओर से इससे संबंधित कागजात समेत अन्य चीजें राज्य सरकार को सौंप दी जायेगी। इस बाबत, पिछले दिनों राज्य ऊर्जा विभाग और बिहार ऊर्जा विभाग के बीच समझौता पत्र साइन किया गया है। इस समझौता में दोनों राज्य सरकारों के विभागीय प्रधान सचिव ने हस्ताक्षर किया।
मामले में एसएलपी सुप्रीम कोर्ट में भी दायर है। ऐसे में इस समझौता के साथ ही मामले को कोर्ट के बाहर निपटा लिया गया। जानकारी हो कि राज्य ऊर्जा विभाग की ओर से एक साल पहले जेवीयूएनएल और तेनुघाट प्रबंधन को पत्र लिखकर मामले में निदेशक मंडली से सहमति मांगी गयी थी। इसके बाद आगे की पहल की गयी।
ऊर्जा विभाग की ओर से दोनों निगमों को लिखे पत्र में तेनुघाट के विस्तारीकरण की बात भी कही गयी थी। दोनों राज्य सरकारों के बीच हुए समझौते कि मानें तो टीवीएनएल के विस्तारीकरण किया जायेगा। इसके तहत 660 मेगावाट की दो इकाइयां बनायी जाएंगी। उत्पादित बिजली का 40 प्रतिशत हिस्सा बिहार को दिया जायेगा। बिहार सरकार के बिजली खरीदने से इंकार करने पर झारखंड सरकार बिजली किसी दूसरे राज्यों को भी बेच सकेगी।
तीन साल पहले कैबिनेट में लगी थी मुहर
टीवीएनएल के विस्तारीकरण पर लगभग तीन साल पहले झारखंड सरकार ने कैबिनेट में स्वीकृति दी थी। ऐसे में तीन साल बाद दोनों राज्य सरकारों के बीच मामले में समझौता हुआ और 21 साल पुराना विवाद समाप्त हो गया है। बिजली लेने के लिए वर्तमान ट्रांसमिशन लाइन से अथवा दोनों राज्यों की सहमति से नई ट्रांसमिशन लाइन बनाई जायेगी। साथ ही टीवीएनएल के बिजली दरों का निर्धारण भी राज्य नियामक आयोग की ओर से किया जायेगा।