Ranchi: झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) ने अप्रत्याशित राजनीतिक घटनाक्रम (unexpected political events) के बीच सोमवार को झारखंड से राज्यसभा के लिए अपनी पार्टी का उम्मीदवार उतारने की घोषणा कर दी। झारखंड मुक्ति मोर्चा की महिला प्रकोष्ठ की अध्यक्ष महुआ माजी पार्टी की प्रत्याशी होंगी। मुख्यमंत्री और झामुमो के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन ने स्वयं एक प्रेस कांफ्रेंस में उनके नाम का एलान किया। राज्य के सत्ताधारी गठबंधन में सहयोगी कांग्रेस ने इस प्रेस कांफ्रेंस से दूरी रखी। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने कहा है कि महुआ माजी गठबंधन की नहीं, झामुमो की उम्मीदवार हैं।
बता दें कि इसके पहले रविवार को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात के बाद कहा था कि राज्यसभा में गठबंधन की ओर से साझा प्रत्याशी दिया जायेगा और इसकी घोषणा रांची में की जायेगी। मुख्यमंत्री ने दिल्ली में मीडिया से बातचीत के दौरान जो संकेत दिये थे, उससे यह माना जा रहा था कि गठबंधन का साझा प्रत्याशी कांग्रेस कोटे का होगा। इससे कांग्रेस खेमे में उत्साह का माहौल था, लेकिन सोमवार दोपहर मुख्यमंत्री की ओर से झामुमो प्रत्याशी के तौर पर महुआ माजी के नाम की घोषणा से सियासी हलके में हर कोई आश्चर्यचकित है।
महुआ माजी हिंदी की जानी-मानी साहित्यकार हैं। वह झारखंड महिला आयोग की अध्यक्ष भी रह चुकी हैं। उन्हें झामुमो ने वर्ष 2014 और 2019 में विधानसभा चुनाव में रांची विधानसभा क्षेत्र से प्रत्याशी भी बनाया था, लेकिन दोनों बार उन्हें हार का सामना करना पड़ा था।
झारखंड विधानसभा का जो संख्याबल है, उसके हिसाब से झामुमो के खुद के बूते पर महुआ माजी की जीत सुनिश्चित है। पार्टी के सदन में 30 विधायक हैं, जबकि जीत के लिए मात्र 27 विधायकों के मत की जरूरत होगी।
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर सहित वरिष्ठ नेताओं ने कुछ रोज पहलेप्रेस कांफ्रेंस कर सत्ताधारी गठबंधन के भीतर राज्यसभा की सीट पर कांग्रेस की ओर से दावेदारी जतायी थी। पार्टी के प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडेय ने कहा था कि हेमंत सोरेन से इस मुद्दे पर पार्टी की बात हुई है और सर्वसम्मति से राज्यसभा चुनाव के लिए प्रत्याशी दिया जायेगा।
अब झामुमो की ओर से प्रत्याशी के तौर पर महुआ माजी के नाम का एलान होने के बाद कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने कहा है कि यह झामुमो का निर्णय है। इसमें कांग्रेस शामिल नहीं है। हालांकि गठबंधन के तीसरे सहयोगी राजद ने इस घोषणा का स्वागत किया है।