Ramgarh: जिले के एक सरकारी अस्पताल में प्रसव कराने के लिए नर्सों के द्वारा रिश्वत मांगे जाने की खबर है। सरकारी अस्पताल में रिश्वत चर्चा इतनी जल्दी फैली कि सिविल सर्जन डॉ प्रभात कुमार को जांच कमेटी बैठानी पड़ी। यह मामला गोला सीएचसी का है।
रिश्वत नहीं देने पर एएनएम एवं पीड़ित महिला के परिजनों के बीच जमकर बहस भी हुई। इस संबंध में लिपियां गांव निवासी महाबीर रजक ने चिकित्सा प्रभारी को लिखित शिकायत की है। इसमें कहा गया है कि उनकी पुत्री उषा कुमारी को प्रसव पीड़ा के बाद 24 मई को सीएचसी में भर्ती कराया। रात 12:55 में नार्मल प्रशव हुआ । प्रशव के बाद ए एन एम प्रतिभा कुमारी एवं बेबी कुमारी ने प्रशव कराने के एवज में 1200 रुपये की मांग की। इतना ही नहीं सफाई कर्मी अलग से छह सौ रुपए की मांग कर रही थी।
परिजनों ने दिए 800, फेंक कर मांगी पूरी रकम
महावीर रजक ने बताया कि उसके पास आठ सौ रुपये थे। इतने में कम देखकर एएनएम पैसा फेंक कर कहने लगी एक रुपया भी कम नहीं लेंगे।
सिविल सर्जन ने बनाई जांच कमेटी
रामगढ़ सिविल सर्जन प्रभात कुमार को मामले की जानकारी मिली तो उन्होंने तत्काल चिकित्सा प्रभारी को जांच के आदेश दे दिया है। उन्होंने कहा है कि एक जांच कमेटी बनाकर पूरे प्रकरण को स्पष्ट किया जाना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा है कि रिश्वत मांगे जाने का आरोप लगाया गया है। हालांकि किसी अस्पताल कर्मचारी को एक भी रुपया नहीं दिया गया है। लेकिन रिश्वत मांगना भी गंभीर अपराध है।