Deoghar: त्रिकूट रोपवे हादसे के बाद पूरे रोपवे परिसर में सन्नाटा पसरा हुआ है। लोगों की आवाजाही बिल्कुल नहीं हो रही है। हादसे के छठे दिन जिला प्रशासन के निर्देश पर पूरे रोपवे एरिया को सील कर दिया गया है। मोहनपुर बीडीओ विवेक किशोर की देखरेख में सील करने की कारवाई पूरी की गई।
अधिकारियों की मानें तो यह कार्रवाई इसलिए की गई है ताकि जांच कमेटी आने तक कोई भी व्यक्ति इस क्षेत्र में किसी प्रकार की छेड़छाड़ ना कर सके। हादसे के कारणों की निष्पक्ष जांच की जा सके। कार्यालय के मुख्य दरवाजे पर भी ताला लगाकर सील कर दिया गया है। फिलहाल यह कार्रवाई अनिश्चितकाल के लिए की गई है। सील को जांच कमेटी के सामने ही खोला जाएगा।
मोहनपुर बीडीओ विवेक किशोर ने बताया कि दो दिन पूर्व ही तालाबंदी कर दी गई थी। शुक्रवार शाम को NDRF की टीम ने जांच हादसे के कारणों का पता लगाने के लिए वीडियोग्राफी की। अब इस मामले में एक्सपर्ट की टीम के आने के बाद हादसे के सही कारणों का पता लगाया जा सकेगा। रोप-वे की सुरक्षा के लिए वहां पर सुरक्षाकर्मी भी तैनात कर दिए गए हैं। ज्ञात हो कि 10 अप्रैल को हुए हादसे में 3 लोगों की मौत हो गई थी। दर्जन भर लोग घायल हुए थे। 3 दिन चले रेस्क्यू ऑपरेशन में 46 लोगों को सुरक्षित बचा लिया गया था।
10 अप्रैल को देवघर के त्रिकूट पर्वत पर रोपवे हादसा हुआ था। हादसे के दिन ही सारठ निवासी सुमंती देवी नामक एक बुजुर्ग महिला की मौत हुई थी। जबकि रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान 11 अप्रैल को दुमका निवासी राकेश मंडल और 12 अप्रैल को देवघर निवासी शोभा देवी की मौत हो गई थी। जिसके बाद त्रिकूट पर्वत पर सन्नाटा पसरा हुआ है।
प्रशासन की तरफ से स्पष्ट कर दिया गया है कि जांच पूरी होने तक रोपवे सेवा शुरू नहीं की जाएगा। इस घटना को गंभीर बताते हुए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने उच्च स्तरीय जांच की घोषणा की है।