Ranchi: झारखंड विधानसभा (Jharkhand Legislative Assembly) बजट सत्र के दसवें दिन शुक्रवार को अल्पसूचित प्रश्न के समय भाजपा विधायक शशिभूषण मेहता ने कहा कि राज्य में अंचलाधिकारी मनमानी कर रहे हैं। दाखिल खारिज को उद्योग बना दिया गया है।
रैयतों एवं जमीन खरीदारों का आर्थिक दोहन करने के लिए म्यूटेशन के मामले को लंबित रखने के बजाय आवेदन को ही रद्द कर दिया जा रहा है। उन्होंने पूरे मामले की जांच विधानसभा की कमेटी से करने की मांग की।
जवाब में प्रभारी मंत्री जोबा मांझी ने कहा कि इस तरह की कोई बात नहीं है। सभी जगह टीम गठित कर जांच कराई जा रही है। उन्होंने कहा कि जो मामला सदस्य के द्वारा उठाया जा रहा है। उस पर यह कहना चाहती हूं कि कोई भी अधिकारी ऐसा करता है तो दंडित करने का प्रावधान है। इस मामले को उठाया जा रहा है उसकी जांच 22 फरवरी को ही कमिटी गठित कर कराई जा रही है।
वहीं दूसरी ओर विधायक सीपी सिंह ने कहा कि उनकी जमीन का भी म्यूटेशन नहीं हो रहा है। तीन बार सीओ को फोन किये, रिसीव नहीं किया। बाद में उनसे मैंने कहा कि पैसा चाहिए क्या तो सीओ कहता है कि क्या सर आपसे पैसा लेंगे। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री इनके वश में हैं क्या? राज्य में दूसरे के नाम पर जमीन का ट्रांसफर धड़ल्ले से हो रहा है। रांची में ही पिछड़ी जाति की आठ एकड़ जमीन पर बॉउंड्री गलत तरीके से करा लिया गया।
विधायक नवीन जयसवाल ने कहा कि ऑनलाइन आवेदन को सीओ रिजेक्ट कर रहा है। दूसरे के नाम पर जमीन चढ़ा दी रही है।