Ranchi: झारखंड के लोहरदगा जिले के बुलबुल जंगल (Bulbul forest in Lohardaga district of Jharkhand) और आसपास के इलाकों में नौ फरवरी से ही पुलिस एवं सुरक्षा बलों ने भाकपा माओवादी नक्सली संगठन (CPI Maoist Naxalite Organization) के खिलाफ जोरदार आपरेशन चला रखा है। पुलिस के पास पुख्ता सूचना है कि बुलबुल और मरायन जंगल के इलाकों में पंद्रह लाख का इनामी नक्सली रवींद्र गंझू (Naxalite Ravindra Ganjhu) छिपा हुआ है। इस सूचना के बाद सुरक्षाबलों ने बुलबुल और आसपास के जंगलों की मजबूत घेराबंदी कर रखी है।
जगह-जगह लगाए गए प्रेशर बम और लैंडमाइंस की वजह से सुरक्षा बलों के जवान नक्सलियों तक नहीं पहुंच पा रहे हैं। बताया जाता है कि सुरक्षाबलों की घेराबंदी की वजह से नक्सलियों तक किसी भी प्रकार की बाहरी मदद नहीं पहुंच पा रही है। पुलिस को सूचना मिली थी कि भाकपा माओवादी का रीजनल कमांडर रवींद्र गंझू, जोनल कमांडर छोटू खेरवार, जोनल कमांडर बलराम उरांव और सब जोनल कमांडर रंथू भगत का दस्ता अपने सदस्यों के साथ लोहरदगा जिले के बुलबुल एवं आसपास के जंगल में किसी बड़ी घटना को अंजाम देने के उद्देश्य से सक्रिय है।
इसके बाद सुरक्षा बल और पुलिस ने नक्सलियों के खिलाफ ठोस कदम उठाया है। लोहरदगा पुलिस के लिए सबसे बड़ी परेशानी नक्सली भाकपा माओवादी का रीजनल कमांडर रविंद्र गंझू है। रवींद्र पर 15 लाख रुपये का इनाम है। इसके अलावा भाकपा माओवादी के जोनल कमांडर बलराम उरांव है, जिसपर 10 लाख रुपये का इनाम है। जोनल कमांडर मुनेश्वर गंझू पर भी 10 लाख का इनाम है। बुधवार को भी सुरक्षाबलों ने जोरदार अभियान चलाया था। दोनों तरफ जोरदार गोलीबारी भी हो रही है। मुठभेड़ के दौरान शाम होते ही अंधेरे का फायदा उठाते हुए नक्सली भागने में सफल रहे। हालांकि, इस मुठभेड़ में पांच लाख का इनामी नक्सली बालक गंझू मारा गया है।
प्रतिबंधित संगठन भाकपा माओवादी के रीजनल कमांडर और 15 लाख के इनामी हार्डकोर नक्सली रवींद्र गंझू को कारतूस की आपूर्ति करने वाले दो लोगों को झारखंड एटीएस ने 10 और 15 फरवरी को गिरफ्तार किया है। इनमें 24 वर्षीय फजल आलम उर्फ फैजल (गढ़वा जिले के नगर ऊंटारी निवासी ) और 51 वर्षीय मंगल गोस्वामी उर्फ बचधरवा (बिहार के रोहतास जिले के अमझोर, रामडिहरा निवासी) शामिल हैं।