Ranchi: झारखंड हाईकोर्ट (Jharkhand High Court) ने जलाशय मामले की सुनवाई करते हुए सरकार को फटकार लगाई है। कोर्ट ने कहा कि मामले में सरकार और निगम खानापूर्ति न करें। कोर्ट को स्पष्ट जानकारी दें कि जलाशयों से अतिक्रमण हटाने के लिए कितना काम हुआ। मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस रवि रंजन और जस्टिस एसएन प्रसाद की खंडपीठ में शुक्रवार हुई। मामले में अधिवक्ता खुशबू कटारूका, पीयूष कृष्णा चौधरी समेत अन्य ने दलील पेश की।
इसके पहले भी कोर्ट ने सरकार को समय दिया था। इस दौरान नेशनल जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया के निदेशक भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जुड़े। देवघर जिला मे भी जलाशयों के मामले को राजधानी के साथ जोड़ा गया। इसमें देवघर जिला से इंटरविनर पीटिशन दी गयी, जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया। कोर्ट ने सरकार और नगर निगम को दो सप्ताह में डिटेल जानकारी देने का आदेश दिया है। मामले की अगली सुनवाई 24 फरवरी को होगी।
उल्लेखनीय है कि पिछले सप्ताह हुई सुनवाई में कोर्ट ने नगर निगम और नगर विकास विभाग को कहा कि जलाशय और डैम से अतिक्रमण हटाने के मामले में कितना कार्य हुआ इसकी जानकारी दें। सितम्बर में विभाग और नगर निगम ने छह महीने का समय मांगा था। इस दौरान कोर्ट ने कहा कि सितम्बर से लेकर अब तक पांच महीने हो गये हैं। एक महीना शेष है। ऐसे में कोर्ट को काम की पूरी जानकारी मांगी थी। मामला राजधानी के जलाशयों से संबधित है, जहां जलाशयों में जलस्तर का कम होना और आसपास के इलाकों में अतिक्रमण की बात की गयी है।