New Delhi/ Deoghar: कहते हैं सियासत के मैदान में शह और मात का खेल आम है लेकिन, देवघर की ज़मीन पर छिड़ी इस जंग को चुनाव आयोग ने जिस तरीके से अंजाम तक पहुंचाया उसके बारे में मौजूदा कलक्टर मंजूनाथ भजंत्री ने सोचा तक न होगा, हुआ कुछ यूं कि, पद, कद और पर कतरने को लेकर ECI ने जो आदेशी चिट्ठी झारखंड के मुख्य सचिव को भेजी है वह आने वाले वक्त में तमाम ऐसे नॉकरशाहों के लिए नज़ीर साबित हो सकती है जो, सत्ता के इशारों पर सियासत की बलि चढ़ जाते हैं।
दरअसल, चुनाव आयोग ने पंद्रह दिनों के भीतर देवघर DC पर अनुशासनात्मक कार्रवाई करते हुए उन्हें फौरन अपने पद से हटाने और, भविष्य में किसी भी चुनावकार्य में लगाने से पहले आयोग से अनुमति लेने का निर्देश जारी किया है।
मामले की शुरुआत निशिकांत दुबे और देवघर DC के बीच तब, हुई थी जब, जिले के मधुपर विधानसभा सीट के लिए उपचुनावों का ऐलान किया गया था। चुनाव निष्पक्ष और शान्तिपूर्ण सम्पन्न कराने की ज़िम्मेदारी जिलाधिकारी मंजूनाथ भजंत्री के कंधों पर थी लिहाजा, चुनाव प्रचार के दौरान गोड्डा सांसद और DC भजंत्री के बीच बयानबाज़ी और प्रचार के तरीकों को लेकर तकरार शुरू हुई।
मामला चुनाव बाद ठंडा पड़ा लेकिन, इसी बीच देवघर DC ने सांसद डॉ दुबे के खिलाफ एक साथ पांच अलग अलग थानों में पांच मुकदमे दर्ज करा एक बार फिर धीमी पड़ रही सियासी आंच में फूंक मार उसे सुलगा दिया।
बहरहाल, नतीजे के तौर पर फ़िलहाल चुनाव आयोग की यह चिट्ठी काफी कुछ बयान करने के लिए काफ़ी है लेकिन, अब राज्य सरकार की तरफ से मैदान में बल्लेबाज़ी कर रहे कलक्टर भजंत्री का अगला स्ट्राइक क्या होगा यह सवाल अब भी बरकरार है।