Deoghar: झारखंड की सियासत में गोड्डा सांसद के कद को अगर मापना हो तो, राज्य के कद्दावर और पूर्व बीजेपी नेता सरयू राय के उस ट्वीट को पढ़िए, जिसमे उन्होंने ब्यूरोक्रेसी को आइना दिखलाते हुए निशिकांत दुबे पर हुए FIR मामले में हेमंत सरकार पर निशाना साधा है।
सरयू राय ने अपने ट्वीट में देवघर DC मंजूनाथ भजंत्री को आड़े हाथों लेते हुए लिखा है कि “निशिकांत दुबे पर चार FIR दर्ज करवा क्या बताना चाह रहे हैं? और क्या हासिल करना चाहते हैं देवघर जिला के सरकारी अधिकारी? सरकारी अधिकारियों द्वारा दायर यह FIR कमज़ोर और उपेक्षित करने योग्य वाकयों पर आधारित हैं। न्याय की कसौटी पर धराशाई हो जाएँगे।”
निशिकांत दुबे के खिलाफ दर्ज FIR के बाद सरयू राय की तरफ से जारी इस ट्वीट के कई मायने हैं। दरअसल, सरयू राय ने एक तीर से कई निशाना साधते हुए बीजेपी से बाहर रहने के बावजूद पार्टी के नेताओं से बेहतर सम्बन्ध और सिद्धांतों के साथ ही राजनीतिक मूल्यों की भी एक बेहतर नज़ीर पेश की है।
उधर, मधुपर विधानसभा उपचुनाव के 6 महीने बीत जाने के बाद बैक टू बैक जिले के चार अलग-अलग थानों में खुद पर दर्ज हुए पांच FIR के बाद निशिकांत दुबे भी हरकत में आ गए हैं। तमाम FIR की कॉपी का अध्धयन कर चुनाव आयोग समेत उन सभी जगहों पर देवघर DC के कारनामो की फेहरिस्त भेज रहे हैं जहां से उनपर लगाए गए आरोपों की जांच कर जिला प्रशासन की मंशा को सरेआम किया जा सके।
इतना ही नहीं, डॉ निशिकांत दुबे ने ट्वीट कर देवघर DC द्वारा चितरा थाना में दर्ज करवाये गए FIR की सत्यता को भी चुनौती दी है। कुल मिलाकर, संताल से बह रही सियासी बयार आगे क्या असर दिखाएगी यह भविष्य के गर्भ में छिपा है। लेकिन, सरयू राय के एक ट्वीट ने यह साबित कर दिया है कि, गोड्डा सांसद के ख़िलाफ़ दर्ज कराई गई FIR के पीछे का दिमाग कलक्टर का नहीं बल्कि, मास्टरमाइंड कोई और है।