रांची: झारखंड हाई कोर्ट में अनगड़ा के एक परिवार के सदस्यों के पुलिस द्वारा उठा कर ले जाने और इसकी जानकारी नहीं देने का आरोप लगाते हुए याचिका दायर की गयी है। चैता बेदिया ने याचिका (हेवियस कॉर्पस) दायर कर परिजनों को कोर्ट के समक्ष पेश करने का आग्रह किया है। राज्य के डीजीपी, रांची के एसएसपी, ग्रामीण एसपी और अनगड़ा थाना प्रभारी को प्रतिवादी बनाया है।
बेदिया ने पुलिस पर आरोप लगाया है कि कुछ पुलिसकर्मी उसके घर पहुंचे और उनके पिता शिवाली बेदिया, बहन पुष्पमनी, पत्नी सुपोती देवी और उसके दो बच्चों को जबरन अपने साथ ले गये। बीते14 अगस्त को वह काम के सिलसिले में गिरिडीह गये थे।15 अगस्त को उन्हें पुलिस के आने और परिजनों को ले जाने की सूचना मिली। उनके परिजन कहां है इसकी जानकारी उन्हें नहीं है।
अदालत से उन्होंने परिजनों की तलाश कर कोर्ट के सामने पेश करने का आग्रह किया है। याचिका में कहा गया है कि पुलिस ने परिजनों को उठाने का कोई कारण नहीं बताया है और सभी लोग अभी कहां हैं, इसकी जानकारी भी नहीं दी जा रही है।
याचिका में प्रार्थी ने कहा है कि उन्हें पता चला है कि बाबूलाल मरांडी के राजनीतिक सलाहकार सुनील तिवारी के खिलाफ गलत मामला दर्ज करने के लिए परिजनों को उठाया गया है। उनके खिलाफ फर्जी मामला दर्ज किया गया है।
प्रार्थी का कहना है कि सुनील तिवारी के घर पर रह कर उनके भाई ने पढ़ाई की है और वह अभी चेन्नई में नौकरी कर रहा है। उसकी पढ़ाई का खर्च भी सुनील तिवारी ने ही वहन किया था। उनका छोटा भाई और बहन भी सुनील तिवारी के घर मे अभी भी रह रहे हैं और उनकी पढ़ाई का खर्च भी वही वहन कर रहे हैं।
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