Ranchi: झारखंड औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन नीति (Jharkhand Industrial and Investment Policy) पर हेमंत कैबिनेट (Cabinet) की मुहर लग गयी है। यह 1 अप्रैल 2021 से लागू होगी। सरकार ने एक लाख करोड़ निवेश का लक्ष्य रखा है। इसके लागू होने से राज्य में पांच लाख लोगों को रोजगार मिलेगा। यह पॉलिसी पांच साल तक राज्य में प्रभावी रहेगी। पॉलिसी में पांच सेक्टर को तव्वजो दी गयी है। जिसमें टेक्सटाइल, ऑटोमोबाइल, ऑटो कम्पोनेंट, एग्रो फूड प्रोसेसिंग एंड मीट प्रोसेसिंग, फार्मा और इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम डिजाइन और मैन्यूफैक्चर पर जोर दिया गया है।
बताया गया कि झारखंड आनेवाली कंपनियों को राज्य सरकार की ओर से पांच फीसदी अतिरिक्त सब्सिडी दी जायेगी। वहीं, अगर प्राइवेट अस्पताल व यूनिवर्सिटी आती है तो उन्हें सरकार इंसेंटिव देगी।
मंगलवार को मंत्रिपरिषद की बैठक में कुल छह प्रस्तावों पर सहमति दी गयी है।
जानें और किन प्रस्तावों पर लगी कैबिनेट की मुहर:-
- लॉकडाउन के दौरान जो बस ऑनर टैक्स जमा नहीं कर पाये थे उन्हें अब अतिरिक्त टैक्स नहीं देना होगा। राज्य सरकार ने टैक्स माफ कर दी है। साथ ही सरकार द्वारा एनआईसी को सॉफ्टवेयर में बदलाव करने का आदेश दिया गया है।
- राज्य के बीएड कॉलेजों में मेधा सूची के आधार पर एडमिशन होगा। 2021-2023 तक के बीएड सिलेबस के लिए छात्रों का चयन परीक्षा के आधार पर नहीं बल्कि बिना परीक्षा के मेधा सूची तैयार रिजल्ट जारी की जाएगी। इसमें स्नातक पास व क्वालिफाइंग होगा। वैसे स्टूडेंटस शामिल होगें। वहीं, जो अंतिम वर्ष में पढ़ रहे छात्र भी आवेदन दे सकते हैं। मेधा सूची संयुक्त प्रवेश प्रतियोगिता परीक्षा पर्षद जारी करेगा।
- कोविड इमरजेंसी के दौरान अनुबंध पर चिकित्सकों की नियुक्ति का रास्ता साफ हो गया है। कैबिनेट की बैठक में इस पर अंतिम रूप से निर्णय ले लिया गया है। झारखंड सरकार के अंतर्गत कोविड हॉस्पिटल्स में कोविड ड्यूटी हेतु अनुबंध के आधार पर हेल्थकेयर प्रोफेशनल्स आदि की सेवाएं इमरजेंसी कोविड-19 रिस्पांस प्लान (ECRP) के माध्यम से प्राप्त करने की स्वीकृति दी गई। इन्हें हर शिफ्ट के हिसाब से भुगतान किया जाएगा। फाइनल ईयर पीजी मेडिकल स्टूडेंट को 3500, एमबीबीएस डॉक्टर को 2000, इंटर्न को 1500, फाइल ईयर एमबीबीएस को 1200, फाइनल ईयर बीएससी नर्सिंग को 550 और आयुष-डेंटल स्टूडेंट्स को 800 रुपए प्रति शिफ्ट दी जाएगी।
- कोविड-19 में आउटसोर्सिंग पर काम करने वाले कर्मियों को एक माह का अतिरिक्त मानदेय दिया जायेगा। सरकार को मानदेय पर 16.25 करोड़ का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा।
- लोककला और परंपरा को संरक्षित किया जायेगा। इसके अलावा गुरु-शिष्य परंपरा प्रशिक्षण नियम 21 का गठन कर दिया गया है। इसमें दो साल का प्रशिक्षण होगा और इन दो सालों में दो विधाओं की पढ़ाई होगी। इसमें शिक्षक को 12 हजार, सहयोगी को 7500 व ट्रेनर को 10 हजार रुपए प्रतिमाह दिये जायेंगे। इसमें सरकार को मानदेय मद में 11.88 लाख रुपए खर्च होंगे।