देवघर: फेडरेशन ऑफ झारखण्ड चैम्बर आगामी एक जुलाई से सार्वजनिक परिवहन, वेडिंग व्यवसाय, पर्यटन और धार्मिक क्षेत्रों को भी खोले जाने की उम्मीद कर रही है। इसके लिए फेडरेशन के पदाधिकारियों द्वारा लगातार बैठक आयोजित कर सरकार से मांग की जा रही है।
फेडरेशन ऑफ झारखण्ड चैम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के संप क्षेत्रीय उपाध्यक्ष आलोक मल्लिक ने झारखण्ड सरकार से अनुरोध किया है कि सीमित दायरे में ही सही अब बाकी बचे अन्य व्यवसायों जैसे- वेडिंग और इवेंट्स मैनेजमेंट, सार्वजनिक परिवहन, पर्यटन और धार्मिक स्थलों को भी खोला जाय ताकि सबकी आजीविका पटरी पर लाया जा सके।
क्षेत्रीय उपाध्यक्ष ने कहा है कि व्यवसाय और अन्य आर्थिक गतिविधियों को सामान्य बनाने और सबके आजीविका को संतुलित करने में सार्वजनिक परिवहन को 50 प्रतिशत क्षमता के साथ शुरू करने की नितांत आवश्यकता है। वैसे ही अब 100 लोगों की सीमा के अंतर्गत शादी-विवाह एवं अन्य आयोजन तथा सामाजिक एवं संगठनात्मक कार्यक्रमों को करने की इजाजत दी जानी चाहिए। अब सिर्फ 17 जुलाई तक ही लगन शेष हैं और कम से कम इतने समय तक वेडिंग व्यवसाय विवाह भवन, सार्वजनिक हॉल, केटरिंग और अन्य इवेंट्स के कामों को इजाजत मिल जाएगी तो इस क्षेत्र से जुड़े व्यवसायियों को कुछ आर्थिक राहत मिल जाएगी अन्यथा नवम्बर माह तक इनके व्यवसाय ठप ही रहेंगे।
चैम्बर द्वारा कोरोना गाइडलाइन और टीकाकरण की बाध्यता के साथ आंशिक रूप से सामान्य एवं धार्मिक पर्यटन को भी शुरू करने की मांग की गई है। पर्यटन और सार्वजनिक परिवहन शुरू होने पर एक बड़ा तबका अपने ठप पड़े आजीविका को शुरू कर जरूरी आर्थिक स्वावलंबन की ओर बढ़ेंगे। होटल-रेस्टोरेंट के व्यवसाय में जान आएगी। रेस्टोरेंट को भी अब 50 प्रतिशत क्षमता के साथ खोला जाना चाहिए।
धार्मिक स्थलों को खोलने की मांग
पर्यटन और धार्मिक स्थल पर अपरोक्ष रूप से एक बड़े वर्ग का रोजी-रोजगार जुड़ा होता है। देवघर और बासुकीनाथ के बाबा मंदिर पर तो लाखों लोग आर्थिक-व्यावसायिक रूप से आश्रित हैं। इस परिप्रेक्ष्य में फेडरेशन के क्षेत्रीय उपाध्यक्ष आलोक मल्लिक ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से देवघर-बासुकीनाथ के बाबा मंदिर को देश के अन्य बड़े धार्मिक मंदिरों की तर्ज पर निर्धारित संख्या में टाइम स्लॉट के अनुसार दर्शन-पूजा की अनुमति देने का अनुरोध किया है। साथ ही राज्य के अन्य धार्मिक स्थलों को भी सीमित रूप से खोले जाने की मांग की है।
उन्होंने कोरोना पर समुचित रूप से नियंत्रण के लिए मुख्यमंत्री की प्रशंसा करते हुए कहा कि जैसे सही समय पर झारखण्ड सरकार द्वारा लॉक डाउन का निर्णय लिया गया, वैसे ही बिल्कुल उचित समय पर अनलॉक की नीति अपनाकर आर्थिक गतिविधियों को भी शुरू किया गया। माना जा सकता है कि झारखण्ड ने महामारी के दूसरे लहर को प्रभावकारी तरीके से नियंत्रित किया है और रोजगार, व्यवसाय और आर्थिक गतिविधियों को पटरी पर लाने की कोशिश चल रही है।
इन्हीं सकारात्मक कारणों से आलोक मल्लिक ने अपेक्षा जताई है कि अगले 1 जुलाई से बाकी बचे व्यवसायों को भी अनलॉक किया जायेगा तथा धार्मिक स्थलों को भी खोला जाएगा।