देवघर: 26 जून को देवघर एम्स (Deoghar AIIMS) ओपीडी का उद्घाटन भले ही राजनीतिक कारणों से टाल दिया गया हो लेकिन मुद्दा अब भी गर्म है। और हो भी क्यों न.. आखिर जिस covid प्रोटोकॉल का हवाला देकर तमाम राजनीति शुरू हुई, कुछ तस्वीरें उन गाइडलाइन्स को धत्ता साबित कर कर रही।
शुरुआत से बात करते हैं। 26 जून को देवघर एम्स ओपीडी (AIIMS OPD) का उद्घाटन होना था। लेकिन जिला प्रशासन द्वारा सांसद निशिकांत दुबे (MP Nishikant Dubey) को सशरीर उद्घाटन कार्यक्रम में आने से कोविड प्रोटोकॉल का हवाला देते हुए रोका गया। सांसद निशिकांत के मुताबिक हेमंत सरकार के इशारे पर देवघर प्रशासन उन्हें रोक रही थी। इन सबके बीच सरकार की ख़ामोशी ने भी आरोप को पुख्ता करते हुए हामी भर दी। आख़िरकार, केंद्र सरकार ने उद्घाटन को ही स्थगित कर दिया। झारखंड सरकार के नुमाइंदों ने उद्घाटन टालने की वजह निशिकांत की जिद्द को बताया। जिस पर निशिकांत दुबे ने भी कहा कि अब इसका उद्घाटन केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्द्धन खुद आकर करेंगे।
एम्स ओपीडी उद्घाटन की तारीख भले ही टाल दी गयी हो, लेकिन मुद्दा अब भी गर्म है। गोड्डा सांसद निशिकांत दुबे ने सूबे के वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव (Dr. Rameshwar Oraon) की एक तस्वीर शेयर की है। जिसमें वित्त मंत्री सभा करते नजर आ रहे और सैंकड़ो की संख्या में लोग सामने बैठे। न सोशल डिस्टेंसिंग का पालन और न ही सही तरिके से मास्क पहने लोग। सवाल उठना लाजमी था कि आखिर अब कहां गया सरकार का वो कोविड प्रोटोकॉल, जो एम्स उद्घाटन के समय महज एक व्यक्ति के आने से टूट रहा था।
सांसद निशिकांत ने इस तस्वीर को शेयर करते हुए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (CM Hemant Soren) से सवाल किया है कि क्या इतने बड़े कार्यक्रम से कोरोना नहीं बढ़ेगा? उन्होंने लिखा है “यह महानुभाव हैं झारखंड के वित्त मंत्री रामेश्वर उराँव जी।@HemantSorenJMM इतने बड़े कार्यक्रम से कोरोना नहीं बढ़ेगा? लेकिन यदि देवघर एम्स के उद्घाटन कार्यक्रम में मैं अकेले सशरीर उपस्थित होता तो कोरोना इतना फैलता कि उसको रोकना मुश्किल होता? घटिया मानसिकता की घटिया सरकार”
यहां बता दें कि वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव लोहरदगा में एक कार्यक्रम में शिरकत हुए थे।